2015-10-27 15:51:00

भविष्य की चिंता करने हेतु संत पापा ने जिप्सियों से किया अह्वान


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने जिप्सी लोगों का अह्वान किया है कि वे परंपरागत रूप से खानाबदोश लोगों के इतिहास से पुराने पृष्ठ को बंद कर नये अध्याय की शुरूआत करें।

उन्होंने कहा, ″वक्त आ गया है पूर्वाग्रह, पूर्वकल्पित तथा ऊँच-नीच की भावना को उखाड़ फेंकने का, जो बहुधा भेदभाव, नस्लवाद और विद्वेष पर आधारित होता है। किसी को अकेलापन महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि लोगों की प्रतिष्ठा एवं अधिकारों का हनन करने का हक किसी को नहीं है।″ 

धन्य संत पापा पौल षष्ठम द्वारा रोम में जिप्सी समुदाय से मुलाकात की स्वर्ण जयन्ती पर, संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में 7,000 जिप्सियों से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिष्ठापूर्ण जीवन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा के साथ सम्मानित व्यवसाय प्राप्त करने का अधिकार है। संत पापा ने कहा कि उनका उत्तरदायित्व है कि वे समाज के अन्य लोगों से जुड़ने हेतु सेतु का निर्माण करें जिससे विभिन्न संस्कृतियों तथा परम्पराओं द्वारा उनके मूल्यों तथा खुलेपन की भावनाओं की रक्षा वार्ता द्वारा की जा सके।

संत पापा ने कहा, ″हम यह बिलकुल नहीं चाहते हैं कि किसी भी परिवार में ठंढ अथवा आगजनी से किसी बच्चे की मृत्यु हो।″

संत पापा ने उन्हें बूरी आदतों से बचने की सलाह देते हुए कहा, ″यदि आप एक अच्छे ख्रीस्तीय हैं तो अपने नाम के अनुरूप आचरण करते हुए झूठ, धोखाधड़ी, ठग, झगड़े आदि से दूर रहें।

उनके भविष्य की चिंता करते हुए संत पापा ने कहा, ″बच्चे आपके बहुमूल्य खजाने हैं तथा शिक्षा ही व्यक्ति के स्वास्थ्य विकास का आधार है। आपके बच्चों को स्कूल जाने का अधिकार है उन्हें स्कूल जाने से न रोकें।

संत पापा ने समाज के विभिन्न संस्थाओं से युवा जिप्सियों के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण सुनिश्चित करने की अपील की तथा उनके परिवारों को आवश्यक शिक्षा तथा श्रम कार्यक्रमों में अवसर दिये जाने की मांग की।








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