2015-10-19 12:43:00

जोसेफ की समाधि पर आगजनी की प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ द्वारा निन्दा


जैरूसालेम, सोमवार, 19 अक्टूबर 2015 (एशियान्यूज़): जैरूसालेम की लातीनी प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ ने नबलुस स्थित प्राचीन व्यवस्थान के कुलपति जोसफ की समाधि पर आगजनी की कड़ी निन्दा की है।

एशियान्यूज़ को प्रेषित एक वकतव्य में लातीनी प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ ने लिखाः "शुक्रवार को कुलपति जोसेफ के मकबरे पर हुई आगजनी एक अर्थहीन और अति मूर्खतापूर्ण कार्य है जिसकी कड़े शब्दों में निन्दा की जानी चाहिये। यह हमला अपवित्रीकरण का गम्भीर मामला है जिसे सहन नहीं किया जा सकता। किसी भी पवित्र स्थल का, भले ही वह ख्रीस्तीय, इस्लाम अथवा यहूदी धर्म का ही क्यों न हो बिलाशर्त सम्मान किया जाना चाहिये।"

वकतव्य में आगे कहा गया, "हिंसा-प्रतिहिंसा जो सामान्य हो चली है उसे बन्द किया जाना अनिवार्य है। जैरूसालेम की लातीनी प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ एक बार फिर सभी दलों एवं पक्षों का आह्वान करती है कि वे शांति बनाये रखें तथा न्याय एवं समानता पर आधारित दो राज्यों के सिद्धान्त वाले समाधान को खोजने के लिये निष्कपट वार्ताओं के लिये तैयार होवें।"

अक्टूबर माह के आरम्भ में इसराएल द्वारा अधिकृत फिलीस्तीनी क्षेत्र में दो इसराएलियों की हत्या के बाद से दैनिक तौर पर सैनिकों, युवाओं तथा रास्ते चलते लोगों पर वार किया जाता रहा है जिसमें कई लोगों की मौत भी हो गई है।

अन्तिम घटना में 16 अक्टूबर को फिलीस्तीनी क्षेत्र में नबलुस स्थित कुलपति जोसफ के मकबरे को आग के हवाले कर दिया गया। 

यहूदी परम्परा के अनुसार, नबलुस का मकबरा बाईबिल के प्राचीन व्यवस्थान के याकूब एवं राखेल के सुपुत्र जोसफ का स्मारक है जो मिस्र के फाराउन के सलाहकार हुआ करते थे। नबलुस का यह मकबरा ख्रीस्तीयों, मुसलमानों एवं यहूदियों तीनों धर्मों के लोगों का पवित्र स्थल है।  








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