2015-10-10 16:11:00

परिवार पर सिनॉड, प्रेस सम्मेलन 5 वाँ दिन


वाटिकन सिटी, शनिवार, 10 अक्टूबर 2015 (वीआर सेदोक): वाटिकन में परिवार पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के पाँचवे दिन शुक्रवार 9 अक्टूबर को, वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी के साथ दैनिक प्रेस सम्मेलन में सिनॉड के तीन नये धर्माचार्यों ने अपना वक्तव्य दिया।

प्रेस सम्मेलन में वक्तव्य रखने वाले तीन धर्माचार्य हैं, फिलीपीन्स के कार्डिनल लुईस अंतोनी ताग्ले, केनटक्की के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ ए. कूर्ज़ तथा स्पेन के महाधर्माध्यक्ष के कार्लोस ओसोरो सीएर्रा।

कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि उन्होंने परिवार पर सिनॉड में छोटे दल में जो विचार सुना वे उससे काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न परिस्थितियाँ एवं पृष्टभूमियाँ जिनमें परिवार अपने आपको पाते हैं उसकी अभिव्यक्ति में स्वतंत्रता एवं खुलापन था।

कार्डिनल ने अवगत कराया कि एक दल द्वारा तेज प्रतिक्रिया भी मिली, जिसने दस्तावेज को ‘अव्यवस्थित’ माना तथा कहा कि संत पापा एवं ईश प्रजा को बेहतर परिणाम मिलना चाहिए।

वाटिकन प्रवक्ता फादर लोम्बारदी ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने प्रातः वंदना के पूर्व एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करते हुए मध्यपूर्व के लिए विशेष प्रार्थना की अपील की थी। प्रातः वंदना के उपरांत धर्माध्यक्षों ने ‘इंस्त्रुमेंतुम लवोरिस’ के प्रथम भाग पर विगत दो दिनों के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की, तत्पश्चात् दूसरे भाग पर कार्य जारी रखा।

महाधर्माध्यक्ष कूर्ज़ ने प्रेस सम्मेलन में कहा कि सिनॉड के आरम्भ में उन्होंने छोटे दलों में कार्य करने को बहुत मददगार पाया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधियों के कार्य में शीघ्र संलग्न हो जाने में सहायक था। उन्होंने धर्माचार्यों के विचारों को उजागर करते हुए कहा कि उनकी चिंता थी कि अंतिम दस्तावेज समस्त कलीसिया की चिंता को अभिव्यक्त करे तथा उसमें केवल पश्चिमी जगत की उत्कंठाएँ न हो। उन्होंने कहा कि विस्थापन का मुद्दा एक बड़े मुद्दा के रूप में उभर कर सामने आया जिसपर धर्माचार्यों ने महसूस किया कि सरकारें विस्थापितों का स्वागत करें तथा उनके प्रति उदारता का भाव रखें।

प्रेस सम्मेलन के तीसरे प्रवक्ता महाधर्माध्यक्ष सीयेर्रा ने कहा कि कलीसिया को चाहिए कि वह परिवारों को विस्थापितों के प्रति अधिक उदार बनने हेतु साथ दे।

तीनों महाधर्माध्यक्षों ने कलीसिया की धर्मशिक्षा की पुष्टि की तथा कहा कि यह महत्वपूर्ण था कि परिवार जो अप्रत्याशित भावनाओं से संघर्ष करता है कलीसिया उसे अपनी प्रेरिताई द्वारा साथ दे।

कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि यही एक सिनॉड है जो परिवारों के लिए कलीसिया के प्रेम एवं प्रेरितिक चिंता को दृढ़ता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि कई लोगों की बड़ी आशाएँ थीं कि सिनॉड में सैद्धांतिक घोषणाएँ होंगी किन्तु सिनॉड का मतलब यह नहीं था। कलीसिया परिवारों का समर्थन करना चाहती है। उन्होंने कहा, ″हम कलीसिया की धर्मशिक्षा को सुदृढ़ कर रहे हैं न कि उसमें बदलाव। हम परिवारों को नया जीवन देने हेतु उपायों की खोज कर रहे हैं किन्तु हम किस प्रकार लोगों को सिद्धांतों को जीने में मदद कर सकते हैं?″

कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि नयी पद्धति प्रभावपूर्ण रही क्योंकि धर्माध्यक्षों ने विषय वस्तु को छोटे भागों में विभक्त कर निश्चित अवधि के दरम्यान उसपर चिंतन किया।

धर्माध्यक्षों ने पत्रकारों को जानकारी दी कि चुनौतियों को अनदेखा किये बगैर धर्माचार्य चाहते हैं कि परिवारों का समारोह मनाया जाए तथा विशेषकर, उन परिवारों को प्रोत्साहन दिया जाए जो कठिनाईयों के बावजूद निष्ठावान बने रहते हैं।








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