2015-10-09 15:29:00

सिनॉड का चौथा दिन, प्रेस सम्मेलन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 9 अक्तूबर 2015 (वीआर अंग्रेजी): परिवार पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के चौथे दिन 8 अक्टूबर को दैनिक प्रेस सम्मेलन के दौरान तीन धर्माध्यक्षों ने अफ्रीका तथा मध्यपूर्व के मुद्दों पर अपना विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि सिनॉड विश्व व्यापी है तथा अफ्रीका एवं पश्चिमी देश एक ही तरह की समस्या से परेशान हैं।

घाना स्थित आक्रा के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स पालमेर बुकले ने कहा कि समलैंगिक विषय पर विचार करते समय विश्व को अफ्रीका के साथ धैर्य रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ″देशों को अपने सांस्कृतिक दृष्टिकोण के मुद्दों पर विचार करने हेतु समय दिया जाए।″ उन्होंने कहा कि ईश्वर के पुत्र-पुत्रियों के अधिकार एवं प्रतिष्ठा को बरकरार रखा जाना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार धर्माचार्यों ने बृहस्पतिवार को भी दलों में विभक्त होकर कार्य करना जारी रखा। इटली के महाधर्माध्यक्ष एडवार्डो मेनचेल्ली ने प्रेस सम्मेलन को जानकारी दी कि उनके दल में ‘खुला भाईचारा पूर्ण विचार मंथन’ किया गया तथा प्रतिभागियों द्वारा कई विभिन्न विचार सामने रखे गये। उन्होंने बतलाया कि धर्माध्यक्षों ने इंस्त्रुमेंतुम लवोरिस के प्रथम भाग पर चर्चा की जिसमें उन्होंने वर्तमान युग के परिवारों के बृहद परिपेक्ष्य पर दृष्टिपात किया।

लेबनान के प्राधिधर्माध्यक्ष इग्नास जोसेफ योनान ने कहा कि मध्यपूर्व, अफ्रीकी कलीसियाओं के विपरीत अनुभव कर रहा था जिसकी संख्या निरंतर बढ़ रही है जबकि मध्यपूर्व में विश्वासियों की संख्या लगातार घट रही है क्योंकि युवा संघर्ष से बाहर निकलना चाहते हैं वे ईराक एवं सीरिया में अत्याचार से बचना चाहते हैं। इस प्रकार, उन क्षेत्रों की कलीसियाएँ असहाय महसूस करती हैं क्योंकि वे अपने युवाओं को ख्रीस्तीय समुदायों में रोक पाने में असमर्थ हैं।

घाना के महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि अफ्रीका के धर्माध्यक्ष तलाक एवं पुनर्विवाह से संबंधित मुद्दों को बंद नहीं कर रहे हैं तथा वे समलैंगिक लोगों के प्रति भी काफी संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी कलीसिया ने सिनॉड में अपने अनुभव को बांटा है कि वे इन सभी मुद्दों तथा कलीसिया के प्रेरितिक कार्यों के बीच क्या अनुभव करते हैं।

उन्होंने कहा, ″हम यहाँ इसलिए आये हैं ताकि अपने विचारों को व्यक्त कर सकें हम कलीसिया की धर्मशिक्षा का समर्थन करते हैं।″

महाधर्माध्यक्ष मेनचेल्ली ने कहा कि कलीसिया में महिलाओं की भूमिका तथा समलैंगिकता पर विचार करना सिनॉड के बाहर की विषयवस्तु नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवार की प्रेरिताई एवं बुलाहट पर चिंतन करते वक्त उन विषय वस्तुओं से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि परिवार के एक सदस्य की समस्या पूरे परिवार को प्रभावित करती है। महिलाओं की व्यक्तिगत भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है किन्तु महिलाओं के अभिषेक हेतु धार्मिक अभ्यासों एवं ईशशास्त्र के अध्याय के स्तर को ऊँचा किये जाने की ज़रूरत है।

वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने पत्रकारों को जानकारी दी कि सिनॉड में कार्य करने वालें दल की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गयी है। उन्होंने बतलाया कि कार्यालय ने सूचना तकनीकी की समस्या का हल कर लिया है जिसके आधार पर सिनॉड में जितने सहयोग और साक्षात्कार किये गये हैं उन्हें विभिन्न भाषाओं में वेबसाईट पर प्राप्त किया जा सकता है।

धर्माचार्यों ने स्वीकार किया कि अफ्रीका के कारण सिनॉड में ‘पश्चिमी’ भावना नहीं रही। वे सहमत हुए कि इसकी पहुँच विश्वव्यापी हो। धर्माध्यक्ष पालमेर ने कहा कि यूरोपीय कलीसियाओं की चिंता अफ्रीका एवं अन्य देशों के प्रति भी थी।

महाधर्माध्यक्ष मनचेल्ली ने संकेत दिया कि पश्चिमी एवं अफ्रीकी कलीसियाओं में बहुधा एक ही तरह की समस्याएँ हैं। अफ्रीका में विवाह की प्रक्रिया लम्बी है अतः अधिक समय की जरूरत है क्योंकि परम्परागत रीति रिवाजों को पूरा करने के बाद ही कलीसिया में विवाह संस्कार प्रदान किया जाती है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में भी कई कारणों से विवाह करने में देरी की जाती है।  








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