2015-10-07 14:40:00

परिवार में हम अच्छे गुणों को सीखते हैं


वाटिकन सिटी, बुधवार 07 अक्टुबर 2015, (सेदोक, वी. आर.) संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में  जमा हुए हजारों तीर्थयात्रियों को इतालवी भाषा में कहा संबोधित करते हुए कहा-

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

हमने फिलहाल ही, “धर्माध्यक्षीय कलीसिया और समकालीन विश्व में प्रेरितिक कार्यों हेतु परिवार का बुलावा” विषय पर विश्व धर्मसभा की शुरूआत की है। परिवार जो ईश्वर से जुड़े हैं और ईश्वरीय प्रेम का साक्ष्य देते हैं उन परिवारों के प्रति कलीसिया को समर्पण और सेवा दिखलाने की आवश्यकता है। धर्मसभा इन बातों पर व्याख्यान और कलीसिया के जोश को बढ़ावा देने हेतु बुलायी गयी है। इस संदर्भ में आज की धर्मशिक्षा माला उन बातों से प्रेरित है जो परिवार और कलीसिया के पारस्परिक संबंधों को अटूट बनाती हैं।

परिवार में हम उन अच्छे गुणों को सीखते हैं जो हमें एकता के सूत्र में पिरो कर रखते जो कि निष्ठा, ईमानदारी, विश्वास, सहयोग और सम्मान है, यद्यपि पारिवारिक   कठिनाइयाँ लाजिमी भी है। यह परिवार ही है जहाँ समाज के सबसे कमजोर और संवेदनशील सदस्यों की देखरेख की जाती है। समाज में जो इन गुणों को अपने जीवन में जीते हैं वे पारिवारिक मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं।

फिर भी, राजनीतिक और आर्थिक जीवन आज सब समय परिवार का समर्थन नहीं करते हैं और ऐसा प्रतीत होता है, मानो, समाज के आम जीवन ने पारिवारिक जीवन के गुणों को अपने में शामिल करने की क्षमता ही खो दी है। इस सन्दर्भ में कलीसिया का बुलावा, सर्वप्रथम अपने प्रेरितिक कामों की परख करना है कि वह ईश्वरीय परिवार के रूप में अपने जीवन को किस हद तक ज़ीने में कारगर है।

जब येसु ने संत पीटर को बुलाया, तो उन्होंने उन से कहा कि वह “मनुष्यों का मछुवारे बनेगा” जो एक नये प्रकार के जाल की माँग करता है। हम कह सकते हैं कि संत पीटर और कलीसिया के लिए आज परिवार एक महत्वपूर्ण जाल है जो हमें अकेलेपन और तटस्थता रूपी समुद्र से बाहर निकालते हैं जिससे हम सब ईश्वरीय प्रेम में उनके पुत्र और पुत्री होने की स्वतंत्रता का अनुभव कर सकें। कलीसिया अपने से बाहर निकल कर, विश्वास के साथ गहराई में जाये ताकि अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित सके, और धर्मसभा के पुरोहितगण, पवित्र आत्म से प्रेरित होकर कलीसिया को प्रेरित करें कि वह विश्वास और भरोसे के साथ प्रभु वचन में अपना जाल डाले।

इतना कहने के बाद संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा माला समाप्त की और सब का अभिवादन करते हुए कहा, मैं आप सब अँग्रेज़ी भाषी इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, फारोए आइलैंड्स, जिब्राल्टर, नीदरलैंड, नार्वे, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपींस कनाडा और संयुक्त राज्य अमरीका से इस आमदर्शन में आये तीर्थयात्रियों का स्वागत करता हूँ। आप सब को मेरा प्यार मिले। मैं आप से निवेदन करता हूँ कि आप परिवार विषय पर चल रहे विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के लिए प्रार्थना करते रहें और अपने परिवारों को मसीह के हाथों के सुपुर्द कर दें। आप दुनिया में ईश्वरीय दया और प्यार के साक्षी बने। सर्वशक्तिमान ईश्वर आप सब का भला करे। इतना कहने के बाद संत पापा ने सबको अपना प्रेरितिक आर्शीवाद दिया।








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