2015-10-07 12:23:00

निर्धनता के संघर्ष में केवल लाभ पर ध्यान नहीं दिया जा सकता


जिनिवा, बुधवार, 7 अक्टूबर 2015 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ अधिकारी महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थॉमासी ने सचेत कराया है कि क्षुधा, रोग एवं निर्धनता के विरुद्ध संघर्ष में केवल लाभ का नियम लागू नहीं किया जा सकता।

जिनिवा में बौद्धिक सम्पत्ति सम्बन्धी विश्व संगठन "वीपो" के सदस्य राष्ट्रों को, सोमवार को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा कि संगठन को उन सिद्धान्तों का पालन करना चाहिये जो उसकी स्थापना के अवसर पर घोषित किये गये थे और ऐसा तब ही किया जा सकता है जब अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की नित्य बदलती वास्तविकताओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाये।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "आज हम वैश्विक प्रज्ञा की अर्थव्यवस्था में जीवन यापन कर रहे हैं जिसके भविष्य की कुँजी अपने अनुसन्धानों एवं ज्ञान को बेचने लायक नये उत्पाद एवं नवीन तकनीकियों में परिणत करना है।

उन्होंने कहा, "निजी एवं सार्वजनिक दोनों प्रकार के निवेशों में हम, जैविक संसाधनों के उपयोग एवं उसकी समझ के क्षेत्र में अविश्वसनीय वैज्ञानिक प्रगति देख रहे हैं जिसे लागू करना सामाजिक दृष्टि से मूल्यवान हो सकता है तथा लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है, विशेष रूप से, चिकित्सीय, औषधीय एवं कृषि क्षेत्रों में।"

महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा कि इस प्रकार की नवीन तकनीकियों एवं खोजों को सबके हित में  लाभकर बनाने के लिये न्यायोचित वैधानिक संरचनाओं की आवश्यकता है। उन्होंने सचेत कराया  कि हालांकि हम बौद्धिक सम्पत्ति की सुरक्षा के मूल्य को मान्यता देते हैं तथापि इसका लक्ष्य जनकल्याण होना चाहिये।

उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि आज के युग में वैज्ञानिक प्रगति के फलों को सम्पूर्ण मानव जाति की सेवा में रखने के बजाय इस तरह वितरित किया जाता है जिससे लोगों में असमानता और अधिक बढ़ जाती है।








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