मुम्बई, मंगलवार, 29 सितम्बर 2015 (एशियान्यूज़): राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल टेलेस्फोर टोप्पो ने एशिया न्यूज़ से कहा कि सन्त जोसफ वाज़ एशिया में नवीन सुसमाचार उदघोषणा के पैगम्बर हैं।
जोसफ वाज़ की जन्मभूमि गोवा में 26 और 27 सितम्बर को दो दिवसीय प्रार्थना, बाईबिल पाठ और मनन-चिन्तन शिविर का आयोजन किया गया था जिसका समापन 27 सितम्बर को मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वर्ल्ड ग्रेशियस ने 07 धर्माध्यक्षों एवं लगभग 100 पुरोहितों के साथ भव्य ख्रीस्तयाग से किया।
गोवा के मूल निवासी सन्त जोसफ वाज़ 17 वीं शताब्दी के काथलिक पुरोहित थे जो सन् 1686 ई. में श्री लंका में मिशनरी कार्यों के लिये प्रेषित किये गये थे। उस समय श्री लंका में हॉलैण्ड के डच कैलवेनिस्ट मिशनरियों का वर्चस्व था जो काथलिक मिशनरियों को उत्पीड़ित किया करते थे। फादर वाज़ को कई वर्षों तक श्री लंका में भूमिगत होकर सुसमाचार का प्रचार करना पड़ा था। 60 वर्ष की आयु में सन् 1711 ई. में फादर वाज़ का निधन हो गया था। फादर जोसफ वाज़ को श्री लंका में काथलिक धर्म के पुनर्जागरण तथा लगभग 30,000 लोगों को बपतिस्मा प्रदान कर काथलिक कलीसिया में शामिल करने का श्रेय दिया जाता है।
श्री लंका के प्रेरित नाम से पुकारे जाने वाले फादर जोसफ वाज़ को इस वर्ष जनवरी माह में अपनी श्री लंका यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस ने सन्त घोषित कर कलीसिया में वेदी का सम्मान प्रदान किया था।
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