2015-09-28 12:35:00

"शुद्धीकरण की सबको आवश्यकता" सुधार केन्द्र में सन्त पापा


फिलाडेलफिया, सोमवार, 28 सितम्बर 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस के समान शायद ही कोई ऐसा विश्व नेता है जिसे अपनी बात कहने के लिये इतने कम शब्द प्रयुक्त करने पड़े हों। शायद ही कोई ऐसा विश्व नेता होगा जो, विशेष रूप से, आज के नाज़ुक सुरक्षा माहौल में अपनी साधारण मोटर गाड़ी में बैठकर विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली देश के वाईट हाऊस तक जानेवाली सड़कों से गुज़रे और न्यू यॉर्क में सम्पूर्ण विश्व के राजनीतिज्ञों के मिलन स्थल तक जाये। शायद ही ऐसा कोई विश्व नेता होगा जो बेघर और सड़कों पर जीवन यापन करनेवालों के साथ बैठकर भोजन करे, हारलेम में स्कूली बच्चों के साथ मज़ाक करे और आप्रवासियों की व्यथा के लिये उनके संग व्याकुल हो उठे।

सन्त पापा फ्राँसिस की सरल जीवन शैली तथा समाज में हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों के साथ उनकी क़रीबी का एक और प्रमाण रविवार, 27 सितम्बर को फिलाडेलफिया में पेनसिलवेनिया राज्य के सर्वाधिक विशाल कारावास करन-फ्रोमहोल्ड सुधार केन्द्र में उनकी भेंट से मिला।

करन-फ्रोमहोल्ड सुधार केन्द्र में सन्त पापा ने लगभग 75 क़ैदियों एवं उनके परिवारों से मुलाकात की। टेलिविज़न की रिपोर्टों में सन्त पापा फ्राँसिस को क़ैदियों से हाथ मिलाते, उनका आलिंगन करते तथा उन्हें आशीष प्रदान करते दिखाया गया।

ग़ौरतलबल है कि संयुक्त राज्य अमरीका के अपराधिक न्याय निकाय के तहत आज अमरीका की जेलों में लगभग 22 लाख बन्दी कारावासों में बन्द हैं। बताया जाता है कि विगत तीन दशकों में क़ैदियों की संख्या में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हाल में अमरीकी अपराधिक न्याय निकाय में सुधार की चर्चा हुई है जिसे ठोस रूप नहीं दिया जा सका है। सुधारों की वकालात करने वाले लोगों को आशा थी कि सन्त पापा फ्राँसिस कारावास भेंट के अवसर सुधारों का आह्वान करेंगे। हालांकि स्पष्ट रूप से उन्होंने ऐसा नहीं किया तथापि, संयुक्त राज्य अमरीका की काँग्रेस के समक्ष किये प्रभाषण में उन्होंने विश्वव्यापी तौर पर प्राण दण्ड के उन्मूलन का आह्वान किया था।

रविवार को करन-फ्रोमहोल्ड सुधार केन्द्र में  उन्होंने कहा कि सभी को शुद्धीकरण की आवश्यकता है और इसका अवसर सभी को मिलना चाहिये। उन्होंने इस तथ्य बल दिया कि प्रभु येसु ख्रीस्त मनुष्य को मुक्ति देने आये थे, वे "हमें इस झूठ से मुक्ति दिलाते हैं जो कहता है कि कोई भी बदल नहीं सकता, किसी का सुधार नहीं हो सकता।" उन्होंने कहा कि लोगों को कारावास में बन्द कर देना और उनके सुधार का कोई प्रयास न करना तथा उन्हें भूल जाना सुविधाजनक जान पड़ता है किन्तु निश्चित्त् रूप से यह मानवीय नहीं है।    








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