2015-09-28 15:25:00

धर्माध्यक्षों को परिवारों के निर्माण में उत्साह जगाने की आवश्यकता


फिलादेलफिया, सोमवार, 28 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): अमरीका की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन 27 सितम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने फिलादेलफिया स्थित सेंट मार्टिन को समर्पित गुरूकुल के प्रार्थनालय में अतिथि धर्माध्यक्षों से मुलाकात की।

उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ″मैं खुश हूँ कि परिवार पर विश्व सम्मेलन को मनाते हुए प्रेरिताई पर चिंतन के इस अवसर को आपके साथ व्यतीत कर पा रहा हूँ।″

उन्होंने कहा कि कलीसिया के लिए यह कोई नयी बात नहीं है किन्तु सृष्टि के ताज परिवार पर ईश्वर की कृपा की आनन्दमय पुष्टि है। प्रत्येक दिन कलीसिया विश्व भर में प्रभु के वरदान रूपी उन बहुत सारे परिवारों के लिए आनन्द मना सकती है जो कठिनाईयों में भी वफादार रहकर अपने विश्वास में दृढ़ रहते हैं।  

संत पापा ने बदलते परिवेश में प्रेरिताई की चुनौतियों के बीच परिवारों पर ईश्वर के वरदानों को पहचानने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि चिंताओं एवं शिकायतों के ऊपर कृतज्ञता एवं प्रोत्साहन की जीत हो। परिवार ही ईश्वर की सृष्टि तथा कलीसिया के बीच व्यवस्थान का आधार है। परिवार के बिना कलीसिया का कोई अस्तित्व नहीं है। इस कथन में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मानव जाति का ईश्वर के साथ संबंध का चिन्ह एवं माध्यम है परिवार।

 संत पापा ने आपसी संबंधों को प्रस्तुत करने के लिए पहले के बाज़ारों का उदाहरण दिया जिसमें क्रेता एवं विक्रेता के बीच न केवल खरीद बिक्री का संबंध था किन्तु उससे बढ़कर आपसी विश्वास का संबंध था। कालांतर में बड़े बाज़ारों की स्थापना हुई जिसमें विकल्प अधिक थे किन्तु उतनी ही जटिलताएँ भी, इस प्रकार एक दूसरे के प्रति विश्वास की भावना समाप्त हो गयी। आज वही संस्कृति दिखाई पड़ती है किसी चीज के लिए किसी से कोई संबंध नहीं। उपभोक्तावाद का बोल- बाला है सामाजिक रिश्तों के लिए स्थान कम हो गया है। हम ऐसे समाज में आ गये हैं जहाँ बहुसांस्कृतिक प्रदर्शन के कारण अधिकतर वस्तुएँ कुछ सीमित लोगों के उपभोग के लिए हैं जबकि बहुत सारे लोग उन्हें प्राप्त नहीं कर सकते।

संत पापा ने कहा कि यह समाज के लिए बहुत हानिकारक है। उन्होंने धर्माध्यक्षों से कहा कि एक चरवाहे के रूप में हम धर्माध्यक्षों को अपने आपको मजबूत कर, परिवारों के निर्माण में उत्साह जगाने की आवश्यकता है तथा परिवारों में ईश्वर की आशीष प्रदान करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि वे लोगों को ऊँचा लक्ष्य रखने का प्रोत्साहन दें। एक गड़ेरिये के रूप में वे अपनी रेवड़ के सपनों, जीवन तथा विकास का ख्याल रखें। प्रार्थना द्वारा सजग रहें, लोगों के विश्वास का समर्थन करें एवं कठिनाई के समय प्रभु पर आस्था बनाये रखने में उनकी मदद करें।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों की प्रेरिताई के लिए कलीसिया एवं परिवारों के बीच गहरे संबंध की आवश्यकता बतलायी तथा प्रार्थना की कि प्रभु परिवारों एवं कलीसिया को एक-दूसरे के करीब लाये एवं उनके बीच संबंधों को नवीकृत करने की कृपा प्रदान करे।








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