2015-09-27 15:52:00

सृष्टि में सबसे सुन्दर है परिवार


फिलाडेलफिया, रविवार, 27 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): अमरीका के फिलाडेलफिया में शनिवार 26 सितम्बर को परिवार महोत्सव की पूर्व संध्या पर जागरण प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित सभी परिवारों को सम्बोधित करते हुए कहा, ″प्रिय भाइयो एवं बहनो। साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले सभी भाई बहनों को धन्यवाद। कला तथा सौंदर्य का प्रदर्शन करने वालों को धन्यवाद अदा करता हूँ क्योंकि यही ईश्वर के पास पहुँचने का रास्ता है। सुन्दर तथा सच्चा साक्ष्य हमें ईश्वर के पास ले चलते है क्योंकि ईश्वर सत्य हैं। जो साक्ष्य सेवा के लिए दी जाती वह उत्तम है तथा अच्छाई उत्पन्न करता है क्योंकि ईश्वर अच्छे हैं। इस प्रकार वह सब कुछ जो अच्छा, सच्चा तथा सुन्दर है हमें ईश्वर के करीब लाता है क्योंकि ईश्वर भले, सुन्दर तथा सच्चे हैं।″  

संत पापा ने साक्ष्य देने वाले सभी परिवारों को धन्यवाद दिया तथा कहा कि परिवार की नींव पर ही समाज मजबूत हो सकता है तथा अच्छाई, सच्चाई एवं सुन्दरता में बढ़ सकता है।

संत पापा ने त्रियेक ईश्वर को एक परिवार के रूप में दर्शाते हुए कहा कि दुनिया की सृष्टि करने के पूर्व उन्होंने प्रेम किया क्योंकि वे प्रेम हैं। वे आपसी प्रेम से बाहर, दूसरों से भी प्रेम करना चाहते थे अतः उन्होंने दुनिया की सृष्टि की। उन्होंने सुन्दर विश्व का निर्माण किया जिसको हम नष्ट कर रहे हैं। बाईबिल हमें बतलाता है कि सृष्टि में सबसे सुन्दर उन्होंने परिवार को बनाया। उन्होंने नर-नारी की सृष्टि कर सब कुछ उन्हें सौंप किया तथा आशीर्वाद दिया, फलो-फूलो, पृथ्वी पर खेती करो तथा इसे बढ़ने दो।

संत पापा ने कहा, ″जो प्रेम ईश्वर ने हमें प्रदान किया वह अपने आप में निहित प्यार है तथा सम्पूर्ण सच्चाई उन्हीं में है जो उन्होंने परिवार को प्रदान किया है। वह परिवार एक सच्चा परिवार है जो उनके प्रेम को उदारता पूर्वक स्वीकार कर पाता है। यह सच है कि पारिवारिक जीवन में समस्याएँ हैं धूर्त शैतान द्वारा मनुष्यों ने विभाजन लाना सीख लिया है तथा जो प्यार ईश्वर ने परिवार को प्रदान किया है वह समाप्त हो चुका है। एक भाई दूसरे भाई को मार डालता है। ईश्वर के प्रेम, सुन्दरता एवं सच्चाई तथा युद्ध के विनाश के बीच आज हम चल रहे हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस रास्ते पर बढ़ना चाहते हैं।

संत पापा ने ईश्वर की करुणा का स्मरण दिलाते हुए कहा कि जब मनुष्य एवं उसकी पत्नी ने ईश्वर की आज्ञा भंग कर उनसे अपने को दूर कर लिया तब भी ईश्वर ने उन्हें नहीं छोड़ दिया तथा निश्चित समय में अपने पुत्र द्वारा अपने महान प्रेम का प्रमाण दिया। उन्होंने एक परिवार को भेजा। ईश्वर ने परिवार द्वारा दुनिया में प्रवेश किया।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर अपनी इस योजना में सफल रहे क्योंकि उस परिवार ने उदारता पूर्वक ईश्वर के प्रेम को स्वीकार किया उनके द्वार ईश्वर के लिए खुले थे। छोटी मरियम तथा जोसेफ ने ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए परिवार का निर्माण करना स्वीकार किया।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर सदा हमारे हृदय द्वार खटखटाते हैं। वे परिवारों के द्वार खटखटाते हैं तथा परिवारों को बढ़ते हुए देखना चाहते हैं ऐसे परिवार जहाँ बच्चों का लालन-पालन किया जाता है, उन्हें शिक्षा प्रदान की जाती है। उनके द्वारा भले, सच्चे एवं सुन्दर समाज के निर्माण में सहयोग दिया जाता है।

संत पापा ने कहा कि हम सभी उस पवित्र परिवार के हिस्से हैं जिसको स्वर्ग की नागरिकता प्राप्त है। इस नागरिकता के तहत ईश्वर ने हमें सच्चाई, प्यार तथा सुन्दरता में बढ़ने की कृपा प्रदान की है।

संत पापा ने परिवार की समस्याओं पर ग़ौर करते हुए कहा कि यद्यपि परिवारों में समस्याएँ हैं। आपस में झगड़े हो जाते हैं बच्चों द्वारा परेशानियाँ आ जाती हैं तथापि परिवार में क्रूस की विजय नहीं हो सकती क्योंकि ईश्वर के पुत्र ने हमारे लिए रास्ता खोल दिया है अतः परिवार में पुनरुत्थान एवं जीवन की आशा है। निश्चय ही, परिवारों में समस्याएँ हैं किन्तु वे समस्याएँ प्रेम द्वारा जीते जा सकते हैं। घृणा से समस्याएँ हट नहीं जातीं। हृदय का विभाजन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता यह केवल कठिनाई बढ़ाता है। प्रेम ही कठिनाईयों पर विजय प्राप्त कर सकता है। प्रेम आनन्द है तथा इसके द्वारा हम आगे बढ़ सकते हैं।

संत पापा ने परिवारों में दो मुख्य बातों पर ध्यान देने की सलाह दी, उन्होंने कहा, ″हमें बच्चों तथा वयो वृद्धों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। बच्चे तथा युवा ही हमारे भविष्य हैं। वे ही हैं जिन पर हम आशा करते हैं। वयोवृद्ध परिवार के यादगार हैं उन्होंने हमें विश्वास प्रदान किया है।

बुज़ुर्गों तथा बच्चों की देखभाल करना उनके प्रति प्रेम का चिन्ह है। वह जो बच्चों की देखभाल करना जानता है किन्तु परिवार के बुजुर्गों की देखभाल नहीं करता वह बिना भविष्य का है क्योंकि उसके पास आगे जाने की याद और शक्ति नहीं है। संत पापा ने कहा कि परिवार सुन्दर है किन्तु अनेक समस्याएँ भी हैं अतः उन्होंने सलाह दी कि परिवार में शांति के बिना दिन का समापन न करें। ईश्वर परिवार को आगे बढ़ने हेतु शक्ति प्रदान करे।








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