2015-09-27 15:28:00

फिलादेलफिया के लीबर्रटी इनडिपेन्डेस मॉल में संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, रविवार 27 सितम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा ने अमरीका की अपनी प्रेरितिक यात्रा पर फिलादेफिया के लीबर्रटी इनडिपेन्डेस मॉल में अमरीका के लोगों के संबोधित करते हुए कहा, प्रिय मित्रो,

संयुक्त राष्ट्र अमरीका के जन्म स्थल इनडिपेन्डेस मॉल के सामने खड़ा होना मेरे प्रेरितिक यात्रा की पराकाष्ठाओं में से एक है। यही वह स्थल है जहाँ देश को परिभाषित करने वाली स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी। देश की स्वतंत्रता यही घोषित करती है कि स्त्री और पुरूष सृष्टि में बराबर हैं उन्हें अपने जन्म से ही सृष्टिकर्ता से अपरिहार्य अधिकार मिले हैं और सरकार उन अधिकारों की सुरक्षा और बचाव हेतु है। ये गूँजते शब्द आज भी हमें प्रेरित करते हैं, इन शब्दों ने दुनिया के अन्य देशों को भी स्वतंत्रता की लड़ाई हेतु प्रेरित किया है जिससे वे अपने आत्म-सम्मान में जी सके।

इस देश का इतिहास सतत संघर्ष की कहनी बयाँ करता है जो सामाजिक और राजनौतिक जीवन के सिद्धान्तों को प्रतिप्रादित करने हेतु हुआ। हम उन महान संघर्षों की याद करते हैं जिसके द्वारा मतदान और श्रमिक अधिकारों का विकास, गुलामी रंगभेद और पूर्वाग्रह जैसे नकारात्मक तत्वों का उन्मूलन हुआ। यह यही प्रदर्शित करता है कि देश जो अपनी मानवीय गरिमा की नीतियों में खरा है वह मजबूती और नवीनता को प्राप्त करता है।

अपने इतिहास को याद करना हमारे लिए फायदेमंद होता है। लोग जो इतिहास की याद करते हैं वे अपनी गलतियों को नहीं दुहराते हैं बल्कि वर्तमान और भविष्य की चुनौती को विश्वास पूर्ण ढंग से देखते हैं। यादें लोगों के हृदय को उन लोगों से बचातीं हैं जो अपने स्वार्थ खातिर रौब दिखाना और अधिकार जमाना चाहते हैं। जब लोगों को और समुदाय को अपने अधिकार का उपयोग करने मिलता है तो वे न केवल अपनी क्षमताओं का अनुभव करते वरन समाज के कल्याण और समृद्धि में अपना सहयोग देते हैं।मैं यहाँ धार्मिक स्वतंत्र के अधिकार की बात करना चाहूँगा।

धार्मिक अधिकार का तात्पर्य हमारे धार्मिक क्रिया कलापों से है जो समुदाय और व्यक्तिगत रुप में हमारे अन्तःकरण के निर्णय द्वारा होता है लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता व्यक्तिगत और पारिवारिक दायरे को आगे ले चलता है।

हमारी विभिन्न धार्मिक रीतियाँ मुख्यतः अपने संदेश की अभिव्यक्ति के द्वारा हमारे  समाज की सेवा करती हैं, वे व्यक्तिगत और सामाजिक तौर से हमें ईश्वर की पूजा करने हेतु निमंत्रण देती हैं जो जीवन, स्वतंत्रता और खुशी के श्रोत हैं। वे हमारे अस्तित्व के मर्म को बतलाती हैं। हमें इतिहास को देखने की जरूरत है, पिछले दशकों में कैसे प्रभावशाली लोगों के द्वारा अत्याचार किये गये जिससे वे स्वराज्य कायम कर सकें।

मानव के रूप में हमारी धार्मिक परंपरा हमें याद दिलाती है कि हम दूसरों को स्वीकार करने के लिए बुलाये गये हैं। दुनिया में बहुत सारी आधुनिक निरंकुशता है जो धार्मिक स्वतंत्र को समाप्त करना चाहती है। यह आवश्यक है कि विभिन्न धर्म अपनी आवाज एक कर शांति, सहनशीलता और व्यक्ति की गरिमा और आत्म-सम्मान हेतु काम करें।

क्वार्क्स जिन्होंने फिलादेलफिया की स्थापना की वे समुदायिक भातृ प्रेम और व्यक्ति की गरिमा से बहुत अधिक प्रेरित थे। इस आत्म-विश्वास ने उन्हें एक उपनगर बसाने को प्रेरित किया जो धार्मिक स्वतंत्रता और सहनशीलता का स्वर्ग बने। यह भातृत्व और गरिमा की सोच विशेषकर कमजोर और अति संवेदनशील लोगों के लिए थी, जो अमरीका का जीवन सार बन गया। 1987 में संत पापा जोन पौल द्वितीया ने अपनी अमेरिकी यात्रा में अमरीका निवासियों से कहा था, “आप की श्रेष्ठता की परख इसमें है कि आप लोगों से कैसा व्यवहार करते हैं और विशेष करके सबसे कमजोर और ऱक्षाविहीन लोगों के साथ।”

इस अवसर मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ। आप जो विभिन्न धर्मों से संबंध रखते हैं जो भातृप्रेम की स्थापना करते हुए शांतिमय ईश्वर की सेवा करना चाहते हैं, जो जरूरतमन्द पड़ोसियों, ग़रीबों और प्रवासियों की आवश्यकता का ख्याल रखते हुए मानवीय जीवन की रक्षा करते हैं। आप उनकी आवाज हैं और आप में से बहुतों ने निष्ठापूर्वक उनकी तकलीफ को सामने लाया है। इस तरह आप अमरीकी लोकतंत्र के आदर्शों की याद दिलाते हैं जिसके लिये इसकी स्थापना हुई है।

आज अमरीका में हिसपैनिक सदस्यों की बहुतायत है साथ ही अमरीका में वर्तमान प्रवासियों के प्रतिनिधियों की। मैं आप सबका स्नेहपूर्ण अभिवादन करता हूँ। आप में से बहुतों ने व्यक्तिगत जीवन की कीमत चुका कर प्रवासी स्वरूप इस देश में पनाह ली और अब नये जीवन की आशा रखते हैं। अपने जीवन की चुनौतियों और कठिनाइयों से आप हताश न हो। आप जो यहाँ पहले आये आप यह न भूलें की आप ने इस देश में नयी चीजों को लाया है। आप को अपनी परंपरा से कभी शर्मिंदा नहीं होना है। अपने पूर्वजों से जो शिक्षा आप ने ग्रहण की उसे कभी न भूलें क्योंकि इसके द्वारा आप अमरीका को धनी बना सकते हैं। मैं पुनः आप से कहता हूँ आप जो हैं और आपका जो है उससे लज्जा का अनुभव न करे। आपका बुलावा उत्तरदायी नागरिकों रूप में हुआ है जिससे आप अपने समुदाय को अच्छी चीजें दें सकें। मैं विशेष कर उस सजीव विश्वास के बारे में सोचता हूँ जिसे आप धारण करते हैं, आपका अपने परिवार से लगाव और वे सब गुण जो आपको विरासत में मिली है। अपने गुणों के सहयोग से न केवल आप अपने लिए यहाँ स्थान पायेंगे वरन समाज को अन्दर से नया बनाने में सहयोग करेंगे।

मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ मेरे साथ यहाँ आने के लिए। आप और आप का यह देश ईश्वर से मिले सब वरदानों और इसकी स्वतंत्रता जिसका लुफ्त आप उठाते हैं, कृतज्ञता के भाव से नवीनता को प्राप्त करें। आप आपने इन अधिकारों की रक्षा करें विशेषकर धार्मिक स्वतंत्रता को क्योंकि ईश्वर ने इसे आप को दिया है।








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