फिलाडेलफिया, रविवार, 27 सितम्बर 2015 (सेदोक): फिलाडेलफिया के इन्डिपेनडेन्स हॉल में सन्त पापा फ्राँसिस ने अमरीका के संस्थापकों द्वारा घोषित स्वतंत्रता एवं समानता के आदर्शों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
फिलाडेलफिया का इन्डिपेनडेन्स हॉल वही स्थल है जहाँ अमरीकी स्वतंत्रता के घोषणा पत्र एवं संविधान पर हस्ताक्षर किये गये थे। शनिवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने उसी ऐतिहासिक मंच से अपना सन्देश दिया जहाँ से अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन अपने भाषण दिया करते थे।
ऐतिहासिक प्रतीकों से परिपूर्ण पृष्ठभूमि में सन्त पापा फ्राँसिस ने आप्रवासियों के स्वागत के पक्ष में स्नेहशील शब्दों का उच्चार किया तो दूसरी ओर अमरीका की नींव रखनेवाले स्वतंत्रता एवं समानता के आदर्शों का स्मरण दिलाया। उन्होंने कहा, "वे शब्द आज भी हमारे कानों में गूँज कर हमारी प्रेरणा के स्रोत बन रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इन्हीं बुनियादी आदर्शों ने समस्त विश्व के लोगों को स्वतंत्रता तथा मानव प्रतिष्ठा के अनुकूल जीने के लिये संघर्ष करने हेतु प्रेरित किया है।
सभी नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता के सम्मान का आग्रह कर सन्त पापा ने सचेत कराया कि आज धर्म पालन की स्वतंत्रता ख़तरे में पड़ी है। उन्होंने गहन दुःख व्यक्त किया कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को उनके धर्म के ख़ातिर सताया जा रहा है तथा घृणा एवं बर्बरता के कृत्यों के लिये धर्म को बहाना बनाया जा रहा है।
फिलाडेलफिया के इन्डिपेनडेन्स हॉल में तथा बाहर परिसर में उपस्थित लगभग 40,000 स्पानी आप्रवासियों को प्रोत्साहन देते हुए सन्त पापा ने कहा कि वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर एवं परम्पराओं से अमरीका को समृद्ध करें क्योंकि अमरीका के लिये वे मूल्यवान हैं। उन्होंने उनसे कहा, "अपने योगदान से आप समाज को भीतर से नवीकृत करने में सहायता दे सकते हैं।"
All the contents on this site are copyrighted ©. |