न्यू यॉर्क, शनिवार 26 सितम्बर सन् 2015 (सेदोक): न्यू यॉर्क में सन्त पापा फ्राँसिस का कार्यक्रम विषमताओं से भरा रहा। एक ओर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्व के नेताओं को सम्बोधित किया तो दूसरी ओर हारलेम में स्कूली बच्चों से मुलाकात की, आप्रवासियों से मिले तथा अपनी साधारण मोटर गाड़ी से न्यू यॉर्क की सड़कों से निकलते हुए, कड़ी सुरक्षा के बावजूद, जन साधारण को दर्शन देकर कृतार्थ किया।
सेन्ट्रस पार्क से निकले जुलूस के बारे में ब्रूकलीन की रूथ स्मार्ट ने कहा, "वे जैसे ही हमारे सामने से गुज़रे हमने स्फूर्तिदायक ताज़गी का अनुभव किया, ऐसा महसूस हुआ मानों एक ठण्डी लहर दौड़ पड़ी हो, मानों वे जनसमुदाय को शांति का एक विशाल कम्बल ओढ़ा रहे थे।" रूथ ने कहा, "हालांकि जनसमुदाय वृहत कोलाहल में फूट पड़ा, वह शुद्ध हर्ष की अभिव्यक्ति थी।" शुक्रवार को ग्राऊन्ड ज़ीरो की भावप्रवण भेंट के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस ने पूर्वी हारलेम इलाके में स्पानी मूल के आप्रवासियों के सैकड़ों मकानों के बीच घिरे "आर लेडी ऑफ एन्जल्स" स्कूल में बच्चों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्हें बच्चों के साथ मज़ाक करते, चहचहाते, हाथ मिलाते तथा सेल्फीज़ से तस्वीर खिंचवाते देखा गया।
सन्त पापा फ्राँसिस को जो कहते हैं कि उन्होंने दशकों से टेलेविज़न नहीं देखा है तथा कम्प्यूटर पर काम करना नहीं जानते, आठ वर्षीय चौथी कक्षा की छात्रा छात्र कायला ऑसबोर्न ने टच स्क्रीन के उपयोग पर पाठ पढ़ाया। तदोपरान्त, स्कूल के जिमखाने में सन्त पापा ने लगभग 150 आप्रवासियों को आशीष दी। इनमें कई अवैध रूप से अमरीका में हैं।
इस अवसर पर सन्त पापा ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के "आय हेव अ ड्रीम" भाषण का स्मरण किया और कहा, "मेरा भी सपना है कि आप ही की तरह अनेक बच्चों को भी शिक्षा की सुविधा मिल सके।" उन्होंने कहा, "सपना देखना अच्छा है और सपनों को पूरा करने के लिये संघर्ष करना उत्तम है।"
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