2015-09-24 14:06:00

सन्त पापा ने किया 18 वीं शताब्दी के मिशनरी को सन्त घोषित


वाशिंगटन, बुधवार, 24 सितम्बर 2015 (सेदोक): वाशिंगटन में मरियम के निष्कलंक गर्भागमन को समर्पित राष्ट्रीय तीर्थ पर, बुधवार, 23 सितम्बर को, सन्त पापा फ्राँसिस ने, अमरीका के पश्चिमी तट पर काथलिक धर्म का सूत्रपात करनेवाले 18 वीं शताब्दी के मिशनरी जूनीपेरो सेर्रा को सन्त  घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया।

जूनीपेरो सेर्रा का जन्म स्पेन के मायोर्का में 24 नवम्बर सन् 1713 ई. को हुआ था तथा 28 अगस्त सन् 1784 ई. को साँप के काट लेने से उनका देहान्त हो गया था। युवावस्था में ही जूनीपेरो सेर्रा अमरीकी जनजातियों की सेवा के लिये मेक्सिको चले गये थे जहाँ उन्होंने असीसी के सन्त फ्राँसिस को समर्पित धर्मसमाज में प्रवेश पाया तथा पुरोहित अभिषिक्त हुए। माईनर ब्रदर्स यानि फ्राँसिस के दीन बन्धु नाम से विख्यात काथलिक धर्मसमाज की स्थापना के अतिरिक्त आपने अमरीका के केलीफोरनिया में सुसमाचार के प्रचार हेतु कई मिशन केन्द्रों की स्थापना की थी। सन् 1988 ई. में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने जूनीपेरो सेर्रा को धन्य घोषित किया था। वाशिंगटन के मरियम तीर्थ पर, बुधवार 23 सितम्बर को, सन्त पापा फ्राँसिस ने, धन्य जूनीपेरो सेर्रा को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया। 








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