2015-09-24 14:34:00

संत जुनिपेरो ने 'देशी समुदाय की गरिमा' की रक्षा की


वॉशिंगटन, बृहस्पतिवार, 24 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): अमरीका की प्रेरितिक यात्रा के प्रथम दिन 23 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने वॉशिंगटन स्थित निष्कालंक गर्भागमन राष्ट्रीय मरियम तीर्थ पर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए धन्य जुनिपेरो सेर्रा को संत घोषित कर कलीसिया के लिए सुसमाचार के आनन्द का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रवचन में उन्होंने प्रेरित संत पौलुस के शब्दों में विश्वासियों को आनन्द मनाने का निमंत्रण देते हुए कहा, ″प्रभु में सदा आनन्द मनायें, मैं फिर कहता हूँ आनन्द मनायें।″

संत पापा ने कहा कि संत पौलुस हमें आनन्द मनाने को कहते हैं क्योंकि वे हमारे हृदय की आवाज को सुन सकते हैं जो आनन्द प्राप्ति की चाह रखता है, जीवन की परिपूर्णता, एक अर्थपूर्ण तथा आनन्द मय जीवन की लालसा करता है। दूसरी ओर, हम अपने दैनिक जीवन के संघर्षों से भी अवगत हैं। हमारी दिनचर्या हमें एक तरह की उदासीनता की ओर अग्रसर करती है जो हमारी आदत बन जाती है और जिसका घातक परिणाम है हमारे हृदय की शून्यता।

संत पापा ने कहा, ″हम उदासीन नहीं बनना चाहते हैं, आदतों को हम पर हावी नहीं होने देना चाहते हैं अतः हम अपने आप से पूछें कि किस तरह हम हृदय की शून्यता से बच सकते हैं। हम किस तरह सुसमाचार के आनन्द में बढ़ सकें तथा उसे अपने अंदर गहरी जड़ जमने दे सकें?

येसु इसका उत्तर देते हुए कहते हैं, ″दुनिया के कोने-कोने में जाकर सुसमाचार का प्रचार करो।″ संत पापा ने कहा कि सुसमाचार का आनन्द वह आनन्द है जिसे अनुभव किया जाना चाहिए। उस आनन्द को हम बांटने के द्वारा ही अनुभव कर सकते और जीवन में आत्मसात कर सकते हैं।

दुनिया की भावना हमें अन्यों की तरह बनने के लिए प्रेरित करती है सरल चीजों को अपनाने का प्रोत्साहन देती है। इस मानवीय भावना से परिचित होने के कारण हम यह निश्चित रूप से जानते है कि हमें एक-दूसरे की मदद की आवश्यकता है। येसु के सुसमाचार प्रचार का यही दायित्व हमारे आनन्द का असीमित स्रोत है।

संत पापा ने कहा, ″एक ख्रीस्तीय प्रेरिताई में आनन्द प्राप्त करता है, वह ख्रीस्त के आदेश के पालन में सुख पाता तथा अपनी बुलाहट का प्रत्युत्तर देकर नयी खुशी प्राप्त करता है।″ 

दो हज़ार वर्षों पूर्व येसु ने अपने शिष्यों को दुनिया के कोने-कोने में सुसमाचार का प्रचार करने हेतु भेजा, संत पापा ने कहा कि हम भी उन्हीं शिष्यों में से हैं। येसु लोगों से मुलाकात करने के लिए विशेष सूची तैयार नहीं करते किन्तु छोटे बड़े, बीमार, वयोवृद्ध हर किसी का आलिंगन करते हैं। संत पापा ने कहा कि मिशन कभी भी पूरी तरह से नियोजित कार्यक्रम का परिणाम नहीं है यह एक जीवन है जो मुलाकात करता, चंगा करता तथा क्षमा देता है। मिशन की शुरूआत ईश्वर की करुणा के अभियंजन के सतत अनुभव से होती है।        

कलीसिया जो ईश्वर की पवित्र प्रजा है वह अपने बच्चों एवं भाई-बहनों से मुलाकात करने हेतु बहुधा संघर्ष, अन्याय तथा हिंसा की धूल से भरी इतिहास के रास्ते पर आगे बढ़ने का प्रयास करती है। पवित्र प्रजा अपने रास्तों को खो देने से नहीं डरती किन्तु अपने आप में बंद और शून्य हो जाने से भय खाती है अतः संत पापा ने सभी विश्वासियों का आह्वान किया कि हम बाहर निकलकर सभी लोगों को येसु के जीवन को बांटें। ईश प्रजा सभी का आलिंगन कर सकती है क्योंकि वह उनके शिष्य है जिन्होंने अपनों के पैर धोने हेतु उनके सामने घुटने टेके।

संत पापा ने विश्वासियों को एक साथ जमा होने का कारण बतलाते हुए कहा, ″आज हमारे एक साथ जमा होने का कारण है कि हम ईश्वर की बुलाहट का प्रत्युत्तर देना चाहते हैं। हम विश्वास करते हैं कि देने के द्वारा जीवन बढ़ता है तथा यह कमजोर हो जाता है जब हम एकाकी तथा आराम की जिंदगी जीना चाहते हैं।″ हम उन महान लोगों की संतति हैं जिन्होंने झूठी सुरक्षा की भावना के बहकावे में न आकर अपने आप में बंद होना अस्वीकार किया। जिन्हें उस परिस्थिति में सुरक्षित महसूस करने की आदत नहीं पड़ी जब द्वार पर भूखे लोग बैठे हों।      संत पापा ने अमरीका के नये संत जुनिपेरो सेर्रा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″आज हम इस भूमि पर, उन में से एक सुसमाचार के आनन्द का साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले फादर जुनिपेरो सेर्रा की याद करते हैं। वे उस कलीसिया के मूर्त रूप थे जो बाहर जाती है, जो मेल-मिलाप तथा ईश्वर की कोमलता को बांटती है। उन्होंने अपनी जन्म भूमि तथा उसकी जीवन शैली का परित्याग किया एवं लोगों से मुलाकात करने निकले तथा उनके जीवन को महत्व दिया।″

फादर जुनिपेरो ने लोगों की प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु आवाज उठायी तथा शोषण करने वालों से उनकी रक्षा की। संत पापा ने कहा कि आज भी दुर्व्यवहार तथा शोषण हमें दुःख देता है क्योंकि इसके द्वारा लोग सताये जाते हैं। संत पापा ने संत फादर जुनिपेरो सेर्रा के आदर्शों को अपनाते हुए, सदा आगे बढ़ने की सलाह दी।








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