2015-09-22 13:16:00

क्यूबा में मनपरिवर्तन का आह्वान कर सन्त पापा बढ़े अमरीका की ओर


होलजिन, मंगलवार, 22 सितम्बर 2015 (सेदोक): क्यूबा में वार्ता, पुनर्मिलन, सेवा एवं मनपरिवर्तन का आह्वान कर सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस मंगलवार अपराह्न संयुक्त राज्य अमरीका की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।

ग़ौरतलब है कि शनिवार, 19 सितम्बर को सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस क्यूबा एवं अमरीका में अपनी दस दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रोम से रवाना हुए थे।

सन्त पापा फ्राँसिस की क्यूबा यात्रा पर सम्पूर्ण विश्व की दृष्टि लगी हुई है इसलिये कि क्यूबा और अमरीका को हाल के माहों में एक दूसरे के क़रीब लाने में सन्त पापा फ्राँसिस की भूमिका निर्णायक रही है। सात ही इस देश में उनकी यात्रा से, आधी शताब्दी से अधिक समय से क्यूबा पर लगे प्रतिबन्धों के समापन की, आशा मज़बूत हुई है। विगत माहों में क्यूबा एवं अमरीका के बीच सम्बन्धों में विकास के प्रति सन्त पापा फ्राँसिस आशान्वित हैं इसीलिये शनिवार को क्यूबा में अपने आगमन के क्षण उन्होंने कहा थाः "मैं सभी राजनैतिक नेताओं से अपील करता हूं कि वे लोगों के कल्याण एवं शांति के लिये पुनर्मिलन के रास्ते पर सुदृढ़ रहकर आगे बढ़ते रहें।" 

संयुक्त राज्य अमरीका में सन्त पापा वाशिंगटन, न्यूयॉर्क एवं फिलाडेलफिया का दौरा करेंगे। वाशिंगटन में वे अमरीकी काँग्रेस को सम्बोधित करेंगे तथा न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में विश्व नेताओं को अपना सन्देश देंगे। अमरीका का की प्रेरितिक यात्रा का प्रमुख उद्देश्य  फिलाडेलफिया में काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित आठवें विश्व परिवार सम्मेलन के समारोहों का नेतृत्व करना है। यह विश्व सम्मेलन मंगलवार को ही आरम्भ हो रहा है।

अमरीका की यात्रा से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस पर किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार अमरीका के 51 प्रतिशत लोगों का दृष्टिकोण सकारात्मक है। केवल नौ प्रतिशत जनता का दृष्टिकोण नकारात्मक रहा जबकि शेष तटस्थ रहे। सन्त पापा फ्राँसिस के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखने वालों का मानना है कि सन्त पापा को धर्मशिक्षा और ईशशास्त्र तक अपने सन्देशों को सीमित रखना चाहिये तथा ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण के ह्रास आदि की राजनीति में नहीं पड़ना चाहिये। हालांकि, 49 प्रतिशत अमरीकी लोगों ने कहा है कि वे सन्त पापा फ्राँसिस को सुनना चाहेंगे। सच तो यह है कि सन्त पापा फ्राँसिस ने जलवायु परिवर्तन एवं पूँजीवाद के अतिशय जैसे विषयों पर अपने वकतव्यों द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका सहित विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कराया है और इन्हीं अहं मुद्दों पर वे अमरीका में अपनी छः दिवसीय यात्रा के दौरान बोलेंगे। यह यात्रा मंगलवार को वाशिंगटन में शुरु हो रही है जहाँ सन्त पापा वाईट हाऊस में अमरीकी काँग्रेस को सम्बोधित करेंगे। ग़ौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमरीका के काँग्रेस को सम्बोधित करनेवाले सन्त पापा फ्राँसिस पहले सन्त पापा हैं।

अमरीका की यात्रा शुरु करने से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने, सोमवार को, क्यूबा के होलजिन तथा सान्तियागो शहरों का दौरा किया। पूर्वी क्यूबा के होलजिन शहर में उन्होंने "प्लाज़ा दे ला रेवोलूसियों" चौक में तथा सान्तियागो में क्यूबा की संरक्षिका "विरघिन दे ला कारिदाद देल कोब्रे" मरियम तीर्थ पर ख्रीस्तायग अर्पित किया। होलजिन में गीत गाते बच्चों तथा वाटिकन एवं क्यूबा के ध्वज फहराते प्रशंसकों ने सन्त पापा का "फ्राँसिस होलजिन आपके साथ है" जयनारों से सन्त पापा का हार्दिक स्वागत किया।

पूर्वी क्यूबा स्थित होलजिन राष्ट्र का तीसरा सर्वाधिक विशाल शहर है जिसकी आबादी 15 लाख है। स्पानी योद्धा गारसिया होलजिन ने इसकी स्थापना सन् 1454 ई. में की थी। अनेकानेक वृक्षों से घिरे मार्गों एवं चौकों के चलते होलजिन "उद्यानों के शहर" नाम से भी मशहूर है।

सन्त पापा द्वारा "प्लाज़ा दे ला रेवोलूसियों" चौक में अर्पित ख्रीस्तयाग में, कड़कती धूप के बावजूद, निकटवर्ती शहरों एवं गाँवों तथा आस पड़ोस के देशों से डेढ़ लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए।      








All the contents on this site are copyrighted ©.