2015-09-20 16:20:00

दुनिया को आपसी सुलह का उदाहरण, क्यूबा


हवाना, रविवार, 20 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): क्यूबा की प्रेरितिक यात्रा के प्रथम पड़ाव हवाना में क्यूबा के राष्ट्रपति रावल कास्त्रो तथा सरकारी अधिकारियों ने संत पापा फ्राँसिस का हार्दिक स्वागत किया। स्वागत समारोह में संत पापा ने उन्हें धन्यवाद देते हुए शांति स्थापित करने एवं लोगों की भलाई हेतु आगे आने का प्रोत्साहन किया।

उन्होंने कहा, ″मैं राष्ट्रपति महोदय को सरकार तथा क्यूबा के सभी लोगों की तरफ से मेरा स्वागत करने हेतु धन्यवाद देता हूँ।″ 

संत पापा ने क्यूबा तथा वाटिकन के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 80 वीं वर्षगाँठ का स्मरण कर कहा, ″वर्ष 2015 क्यूबा तथा वाटिकन के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 80 वीं वर्षगाँठ है और सौभाग्य से आज मुझे इस प्यारे देश का दौरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है जिसके पूर्व संत पापा जॉन पौल द्वितीय तथा संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इसकी यात्रा की थी।″  उन्होंने कहा कि सहयोग और मित्रता के इस संबंध को आज हम पुनः नवीकृत करें ताकि आशा, सद्भावना तथा स्वतंत्रता को बनाये रखने में कलीसिया क्यूबा के लोगों को अपना सहयोग एवं प्रोत्साहन दे सके।

यह प्रेरितिक यात्रा संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा घोषित क्यूबा की संरक्षिका उदारता की माता एल कॉब्रे की जयन्ती से जुड़ी है। संत पापा ने कहा कि माता मरियम ने स्वतंत्रता की उस लड़ाई में, जो विश्वास एवं देशप्रेम की भावना से प्रेरित होकर क्यूबा को स्वतंत्र एवं सर्वभौमिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करना चाहती थी, तब से ही उन्होंने क्यूबा के लोगों की सहायता की है। उन्होंने उन्हें आशा प्रदान की तथा अत्यन्त कठिन परिस्थिति में भी एक मानव व्यक्ति होने की प्रतिष्ठा को बनाये रखा है।

धन्य कुँवारी मरियम के प्रति क्यूबा के लोगों की बढ़ती भक्ति उनके बीच उनकी उपस्थिति का दृश्यमान चिन्ह है। संत पापा ने कहा कि इन दिनों मुझे भी यह सुअवसर प्राप्त होगा कि मैं एक तीर्थयात्री बन कर एल कॉब्रे जा सकूँ तथा क्यूबा वासी उनके सभी बच्चों तथा प्यारे देश के लिए माता मरियम से प्रार्थना कर सकूँ ताकि वे न्याय, शांति, स्वतंत्रता तथा मन-परिवर्तन के रास्ते पर आगे बढ़ सकें।

संत पापा ने कहा कि भौगोलिक दृष्टिकोण से क्यूबा एक द्वीप-समूह है जो चहुँ दिशाओं को अपने असाधारण मूल्यों से जोड़ता है। भाषाओं और समुद्री बाधाओं के बावजूद इसकी स्वाभाविक पेशा देशों को आपसी मित्रता में संयुक्त करता है जैसा कि जोश मारती ने परिकल्पना की थी। संत पापा जॉन पौल द्वितीय की अपील यही थी, ″क्यूबा अपनी शानदार क्षमताओं द्वारा अपने को दुनिया के लिये और दुनिया अपने को क्यूबा के लिये खोले।″

कुछ महीने से हमने एक घटना का साक्ष्य दिया है जो हमें आशा ने भर देता हैः वर्षों से चली आ रही दो देशों के बीच वैमनस्य की स्थिति को सामान्य बनाने की प्रक्रिया। यह संवाद संस्कृति और आपसी वार्ता की जीत है, “सार्वभौमिक विकास की प्रणाली का मृतप्राय समूहों के ऊपर विजय है।″  संत पापा ने राजनीतिक नेताओं से आग्रह किया, ″मैं राजनीति नेताओं से आग्रह करता हूँ कि वे इस मार्ग में बने रहें और इन क्षमताओं का विकास करते जायें, जो की महान सेवा का साक्ष्य है, ताकि वे लोगों को शांति, भलाई तथा विकास के पथ पर आगे ले सकें तथा सारी दुनिया को आपसी सुलह का एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकें।








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