2015-09-16 11:35:00

नेपाल में सांसदों ने किया धर्मनिरपेक्षता के हित में मतदान


काठमाण्डू, बुधवार, 16 सितम्बर 2015 (ऊका समाचार): नेपाल में संविधान पर सात साल तक चले प्रयासों और विचार-विमर्श के बाद, मंगलवार को, सांसदों ने धर्मनिरपेक्षता के हित में मतदान कर दिया।   

मंगलवार को नेपाल के विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडेय ने कहा कि नेपाल अपने बहुप्रतीक्षित नए संविधान को 20 सितंबर को जारी करेगा जो पूर्णत: लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष होगा।

ग़ौरतलब है कि 2007 तक नेपाल आधिकारिक रूप से विश्व का एकमात्र हिन्दू राज्य था। नेपाल की कुल आबादी का 80 प्रतिशत हिन्दू धर्मानुयायी है।

मंगलवार को धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में हुए मतदान पर ख्रीस्तीयों सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों ने सन्तोष जताया है।

नेपाल की काथलिक प्रतिधर्माध्यक्षीय पीठ के फादर सिलास बोगाती ने ऊका समाचार से कहा, "धर्मनिरपेक्षता केवल धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है अपितु सब धर्मों के अन्तर्गत स्वतंत्रता एवं समानता का प्रतिनिधित्व करता है।"

उन्होंने कहा सांसदों के मतदान का यह निष्कर्ष निकलता है कि राज्य किसी एक धर्म की न तो तरफदारी करे और न ही केवल उसे ही प्रोत्साहन दे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा यह नागरिकों को अपनी पहचान एवं धर्म के चयन की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

नेपाल में मुस्लिम संघर्ष संगठन के नेता सलीम अंसारी ने कहा, "देश के अल्पसंख्यकों ने बहुत अधिक समय तक समानता के लिये संघर्ष किया है।"

उन्होंने कहा कि सभी को स्वतंत्रतापूर्वक अपने धर्मपालन की आज़ादी मिलनी चाहिये तथा जाति और धर्म का भेदभाव किये बिना नेपाल के सभी नागरिकों को सभी सुविधाएँ मिलनी चाहिये।








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