2015-09-14 15:37:00

कार्डिनल फिलोनी का कोलकाता महाधर्मप्रान्त के विशपों, पुरोहितों और धर्मसमाजियों के नाम संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 सितम्बर 2015, (सेदोक) बंगाल देश के राजशाही धर्मप्रान्त की 25वीं वर्षगांठ में आमंत्रित कार्डिनल फिलोनी ने कोलकाता महाधर्मप्रान्त के धर्माध्यक्षयों, पुरोहितों और धर्मसमाजियों से भेंट की और उन्हें अपने संदेश में कहा, मुझे आपार खुशी है कि मैं आप के महान देश में आप के साथ कुछ समय बीता सका। कृपा वर्ष की घोषणा के तीन माह पूर्व मैं अपनी इस प्रेरितिक यात्रा में और आप सब के लिये संत पापा की आशीष लाता हूँ। कोलकाता, भारत और सम्पूर्ण विश्व में धन्य मदर तेरेसा के नेक कामों के कारण, जो उन्होंने गरीबों और असहाय लोगों के लिये किया, कृपा का समानार्थी बन गया है। यही कारण है की मैं यहाँ आया।

मैं सुसमाचार सुनाने हेतु आप के पास आता हूँ जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक खुशी और शक्ति का स्रोत है।

हमें अपनी आध्यात्मिकता का उपयोग कर्मठता से करना है जिससे हम विश्वासियों और अविश्वासियों दोनों तपके को लोगों को जीवन की घटनाओं द्वारा ईश्वरीय प्यार और पवित्रता को जानने और उनकी ओर अभिमुख करने में मदद कर सकें। उन्होंने कहा, खेद की बात है बपतिस्मा ग्रहण किये बहुत से लोगों का जीवन बपतिस्मा की माँग को पूरा नहीं करता। वे कलीसिया में और अपने व्यक्तिगत जीवन में अर्थपूर्ण जीवन नहीं जीते। लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने बपतिस्मा ग्रहण नहीं किया है लेकिन भी वे सोचते हैं कि मुक्ति हेतु ईश्वरीय कृपा आवश्यक है। बपतिस्मा के द्वारा हम “नये प्राणी, येसु खीस्त के शरीर के अंग, जीवित पत्थर, एक पवित्र पुरोहित बनते जो आध्यात्मिक घर का निमार्ण करते हैं।”

आइये हम अपने प्रेरितिक कार्य, सुसमाचार के प्रचार को न भूलें जो हमें बप्तिस्मा में मिला है।

धर्माध्यक्षयों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, प्रिय धर्माध्यक्ष भाइयों प्रेरितों के अधिकारी स्वरूप हमारा दायित्व कलीसिया के प्रति बड़ा है। हमें अपने उदाहरणों के द्वारा पहला कदम लेने की आवश्यकता है। याद रखिये कि येसु ने पहल की और उन्होंने हमें पहले प्रेम किया है और इसलिए हमें भी साहसिक रूप से आगे आकर जरुरतमन्द लोगों के लिये काम करना है जिनकी देख रेख का बीड़ा हमें सौंपा गया है।

प्रिय पुरोहितों अपने कामों और वचनों के द्वारा लोगों के जीवन में सम्मिलित हो जाइये। परिवार जो बिखराव को कगार पर हैं, विवाह जो टूटने पर हैं, जो मुसीबतों में हैं उनकी सहायता कीजिए। 

प्रिय धर्मसमाजियों, समर्पित जीवन के अवसर पर मैं आप लोगों से अनुरोध करूँगा कि आप और अधिक प्रार्थना और मनन चिन्तन करें। याद रखिये की येसु का अनुसरण करने की अभिलाषा से ही कलीसिया में समर्पित जीवन की शुरूआत हुई। ईश्वर ने हमें विभिन्न कृपाओं से विभूषित किया है जिससे हम नये समाज और कलीसिया की स्थापना कर सकें। अपने हद्य में आप अपने से पुछिये क्य़ों आप ने यह जीवन चुना है? ईश्वर को अपने दिल का केन्द्र-बिन्दु होने दें जैसा कि मदर तेरेसा ने किया था।

प्रिय खीस्त विश्वासियों, कभी-कभी प्रेरितिक काम के प्रति हमारा जोश कम हो जाता है क्योंकि हम विश्वास नहीं करते कि सुसमाचार सबसे जरूरी आवश्यकता की पूर्ति में हमारी सहायता करता है। सुसमाचार ईश्वर से हमारी मित्रता है। यह पड़ोसी से हमारा प्रेम है। यदि हम यह मुल संदेश अपने पड़ोसियों, कार्य स्थल और दूसरे स्थानों में पहुँचते तो हम सुसमाचार के सच्चे संदेशवाहक बनते हैं।

प्रिय भाइयो एवं बहनो याद रखिये हम जो भी करते हैं यदि उन्हें करने में उत्साह, जोश और विश्वास नहीं दिखलाते तो हमारे कार्य व्यर्थ हैं। कार्डिनल फिलोनी ने अंत में उपस्थित सबों का धन्यवाद अदा करते हुये उन पर संत पापा के प्रेरितिक आशीष की कमाना की और कहा, आइये हम माता मरियम की ओर अपनी नजरे उठायें जो सुसमाचार प्रचार की एक प्रतिमा हैं। 








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