2015-09-12 15:53:00

किसी के विरूद्ध बात करने के प्रलोभन से बचें


वाटिकन सिटी, शनिवार, 12 सितम्बर 2015 (वीआर सेदोक): ″व्यक्ति जो अपनी गलतियों को स्वीकार करना नहीं जानता वह ढोंगी है। दूसरों का न्याय करने से बचना सीखें किन्तु अपने आप को देखें।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन स्थिति प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

प्रवचन में उन्होंने संत लूकस रचित सुसमाचार पर चिंतन किया जहाँ येसु पूछते हैं, ″क्या अंधा अंधे को राह दिखा सकता है?″ 

संत पापा ने कहा कि इन दिनों की धर्मविधि हमें कोमलता, भलाई, विनम्रता तथा एक-दूसरे को सहन करने के ख्रीस्तीय सद्गुणों पर चिंतन करने हेतु प्रेरित करती है। प्रभु पुरस्कार की बात करते हैं। न्याय मत करो और तुम पर भी न्याय नहीं किया जाएगा। संत पापा ने इस रास्ते पर आगे बढ़ने हेतु पहला चरण अपनी गलतियों को स्वीकारना बतलाया। दूसरों के द्वारा बतलाये जाने से पहले, खुद ही अपनी गलतियों का एहसास कर पाना।

संत पापा ने इस बात पर जोर दिया कि दूसरों की गलतियों को देखने से पहले हमें अपनी ही गलतियों में सुधार कर लेना चाहिए ताकि हम उनकी गलतियों को सही तरह से देख सकें और उन्हें भी सुधार करने में मदद कर सकें। यदि एक व्यक्ति जो खुद की कमज़ोरियों को स्वीकार नहीं कर सकता तो वह कौन होता है जो दूसरे गैरख्रीस्तीय व्यक्ति की कमज़ोरियों को दूर करने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि क्या मेल-मिलाप, शांति स्थापना, कोमलता, भलाई, क्षमाशीलता, उदारता तथा दया ये सभी सुन्दर नहीं हैं जिन्हें येसु लाये।

संत पापा ने अपील की कि हम उस क्षण रुक जाए जब हम किसी के विरूद्ध बात करने के प्रलोभन में पड़ जाते हैं। जब हमें दूसरों की कमज़ोरियों पर बहस करने की इच्छा हो तो हमें अपने आपको रोक लेना चाहिए क्योंकि व्यक्ति जो सिर्फ दूसरों की ही गलतियों को देख पाता है वह संकीर्ण विचारों का हो जाता है वह सिर्फ एक पक्ष देख सकता है जिसके कारण बकवादी बन जाता है।

संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे प्रभु से येसु अनुसरण कर पाने की कृपा हेतु प्रार्थना करें जो उदार, क्षमाशील तथा दयालु थे।








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