2015-09-07 12:34:00

सन्त पापा ने की आप्रवासी परिवारों के स्वागत की अपील


वाटिकन सिटी, सोमवार, 07 सितम्बूर सन् 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने यूरोप की समस्त ख्रीस्तीय पल्लियों एवं धार्मिक समुदायों से अपील की है कि वे शरणार्थी परिवारों का स्वागत करें।

रविवार को, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देवदूत प्रार्थना के लिये देश-विदेश से एकत्र तीर्थयात्रियों के समक्ष सन्त पापा ने अपनी यह अपील जारी की।

उन्होंने कहाः "मेरी आर्त अपील है कि यूरोप की प्रत्येक पल्ली, प्रत्येक धार्मिक समुदाय, प्रत्येक मठ एवं प्रत्येक तीर्थस्थान एक परिवार को अपने यहाँ पनाह दे।"

तीर्थयात्रियों से सन्त पापा ने कहा, "सभी विश्वासी आशा का ठोस उदाहरण देने के लिये बुलाये गये हैं जैसा कि सुसमाचारों में इंगित किया गया है।"

उन्होंने कहा, "युद्ध एवं क्षुधा के बीच मृत्यु के भय से भागने वाले तथा मन में जीवन की आशा लिये यात्रारत हज़ारों आप्रवासियों की त्रासदी के समक्ष सुसमाचार हमारा आह्वान करते हैं कि हम छोटे से छोटे तथा परित्यक्त लोगों के समीप रहें।"

तीर्थयात्रियों को दिसम्बर माह में शुरु होनेवाले करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष का स्मरण दिलाकर सन्त पापा ने कहा कि ज़रूरतमन्द को शरण प्रदान करना पवित्र वर्ष की "तैयारी का ठोस कृत्य" होगा।

यूरोप के धर्माध्यक्षों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहाः "मैं अपने धर्माध्यक्ष भाइयों, यथार्थ मेषपालों से आग्रह करता हूँ ताकि वे, इस बात की याद कर कि दया का दूसरा नाम प्रेम है अपने-अपने धर्मप्रान्तों में मेरी इस अपील को समर्थन दें। सन्त मत्ती रचित सुसमाचार को उद्धृत कर उन्होंने कहाः "मेरे इन भाइयों में से किसी एक के लिये, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, जो कुछ किया, वह तुमने मेरे लिये किया।"

सन्त पापा ने कहा कि वाटिकन की दो पल्लियाँ भी इन दिनों शरणार्थियों के दो परिवारों का अपने यहाँ स्वागत करेंगी।     








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