2015-09-04 16:41:00

स्व. महाधर्माध्यक्ष थेवोतोनियुस अमल गांगुली की संत घोषणा हेतु त्वरित प्रक्रिया शुरू करने की माँग


बगंला देश की राजधानी ढाका के ख्रीस्तियों ने ढाका के स्व. महाधर्माध्यक्ष थेवोतोनियुस अमल गांगुली की संत घोषणा हेतु त्वरित प्रक्रिया शुरू करने की माँग की है।

बँगला देश के प्रथम महाधर्माध्यक्ष की 38वीं बरसी में उन्हें सम्मान देने हेतु 1000 से अधिक खीस्तीयों 2 सितम्बर को ढ़ाका के संत मरिया महागिरजा घर में जमा हुये।  

प्रभु सेवक स्व. महाधर्माध्यक्ष थेवोतोनियुस अमल गागुली ने ढाका महाधर्मप्रान्त को 1960 में सहायक बिशप के रूप में अपनी सेवाएँ दीं, तदोपरान्त सन् 1967-1977 तक उन्होंने महाधर्मप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष का कार्य भार सँभाला। उनकी मृत्यु ह्दय आघात से, 57 वर्ष की आयु में 2 सितम्बर सन् 1977 को हो गई थी। वे अति धार्मिक संत स्वभाव के व्यक्ति थे जो सभी लोगों के अनुकरणीय हैं।

72 वर्षीय एक खीस्तीय, कनोन एलीजबेद पेरीस ने कहा, “कलीसिया को उसकी संत घोषणा हेतु और अधिक प्रयास करना चाहिए जिससे कि और अधिक लोग उन्हें जान सकें और उनका अनुसरण कर सकें। मैं उनकी मध्यस्थता से अपने गठिया रोग की चंगाई हेतु प्रार्थना करती आ रही हूँ। मैं आशा करती हूँ कि आर्चबिशप गंगुली मेरी सहायता करेगें।”   ।

स्थानीय खीस्तीयों के प्रचार के बाद, वाटिकन ने 2006 में उन्हें “प्रभु सेवक” घोषित किया था जो औपचारिक प्रक्रिया की प्रस्तावना है जिसके द्वारा एक उम्मीदवार को “आदरणीय” घोषित किया जा सकता है और फिर “धन्य” और अन्त में एक “संत।”








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