2015-09-03 15:55:00

कलीसिया द्वारा श्रमिकों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन


नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 4 सितम्बर 2015 (ऊकान): भारत की काथलिक कलीसिया ने 2 सितम्बर को 1करोड़ 50 लाख श्रमिकों द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है जिसमें देश भर के कारखाने, बैंक,  यातायात और सरकारी कार्यालयों को बंद रखा गया।

भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के श्रम कार्यालय के अध्यक्ष रायपुर के धर्माध्यक्ष ऑस्वल्ड लेविस ने ऊका समाचार से कहा, ″सरकार की मजदूर नीति से देश भर के कर्मचारी परेशान हैं क्योंकि यह उनके कल्याण के लिए हितकर नहीं हैं।″

उन्होंने कहा, ″कलीसिया श्रमिकों की हड़ताल में उनके साथ एकजुट है क्योंकि हम उनके हित की कामना करते हैं।″ उन्होंने बतलाया कि देश भर का काथलिक मंच हड़ताल का समर्थन कर रहा है।

ऊका समाचार के अनुसार 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों के एक राष्ट्रीय नेटवर्क तथा बैंक, औद्योगिक, निर्माण और कोयला खनन क्षेत्रों ने यह कहते हुए 24 घंटे के लिए राष्ट्रीय हड़ताल का आह्वान किया था कि हिंदू समर्थक भारतीय जनता पार्टी द्वारा चल रही संघीय सरकार, उनकी मांगों का सकारात्मक जवाब देने में नाकामयाब रही है।

कर्मचारियों की मांग है कि बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए, कर्मचारियों के बुनियादी श्रम कानूनों का प्रवर्तन तथा विश्वव्यापी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

मीडिया रिर्पोंटों के अनुसार हड़ताल का प्रभाव देश भर में रहा तथा कई क्षेत्रों में कर्मचारियों ने मुख्य मार्गों को भी बंद कर दिया। कई स्कूल, कॉलेज, फैक्टरी, सरकारी कार्यालय तथा दुकानें भी बंद रहीं।

धर्माध्यक्ष लेविस ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा संचालित मोदी की सरकार विकास नीति अपना रही है जो सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर आधारित है जिससे वास्तव में उद्योगपतियों को लाभ हो रहा है।

उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि सभी हित धारकों एवं श्रमिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस नीति में परिवर्तन किया जाएगा। ट्रेड यूनियन के नेता हरभजन सिंह सिद्धू ने एक प्रेस सम्मेलन में कहा कि सरकार के प्रस्तावित श्रम कानून संशोधन में जानबूझ कर कानून के दायरे से 70 प्रतिशत श्रमिकों के कानूनी संरक्षण और अधिकार को समाप्त करने की योजना बनायी गयी है।

उन्होंने कहा कि बंद कर्मचारियों की दुर्दशा की ओर देश एवं दुनिया के लोगों का ध्यान आकर्षित करायेगा।








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