2015-09-02 12:16:00

ख्रीस्तीय धर्मानुयायी भले कर्मों द्वारा एक दूसरे को सान्तवना दें


वाटिकन सिटी, बुधवार, 2 सितम्बर 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने प्रभु येसु ख्रीस्त के अनुयायियों का आह्वान किया है कि वे भले कर्मों द्वारा एक दूसरे को सान्तवना दें तथा फिज़ूल की बातों में न लगें।

मंगलवार को वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने  थेसलनीकियों को प्रेषित सन्त पौल के पत्र में निहित उस पाठ पर चिन्तन किया जिसमें ख्रीस्त से साक्षात्कार के लिये दृढ़ विश्वास एवं आशा को अपरिहार्य बताया गया है।

सन्त पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि सन्त पौल सचेत करते हैं कि "प्रभु का दिन बिना किसी चेतावनी के "चोर के समान" आ सकता है किन्तु येसु उन लोगों को मुक्ति प्रदान करने आ रहे हैं जो उनमें विश्वास करते हैं।" उन्होंने कहा कि सन्त पौल परामर्श देते हैं कि ख्रीस्त का अनुसरण करनेवाले लोग एक दूसरे को सान्तवना दें, एक दूसरे की मदद करें क्योंकि यही उनकी आशा को मज़बूत करेगा।

सन्त पापा ने प्रश्न कियाः "क्या हम लोग इस विषय की चर्चा करते हैं? क्या हम प्रभु के आगमन और उनके साथ साक्षात्कार पर बात करते हैं?  क्या हम समुदाय और उसके लोगों की मदद के बारे में बात करते हैं? या फिर केवल इधर-उधर की बातों एवं बकवाद में अपना समय गवाँ देते हैं?

ख्रीस्तयाग के लिये निर्धारित भजन के शब्दों पर चिन्तन कर सन्त पापा ने कहा, "हम ईश्वर के भले कार्यों जीवित लोगों की भूमि पर देखते हैं।"  उन्होंने कहा, "केवल मुख से विश्वास के शब्दों का उच्चार मात्र पर्याप्त नहीं है अपितु मनोमस्तिष्क से इस विश्वास की अभिव्यक्ति ज़रूरी है कि प्रभु आयेंगे और उन्हें हम अपनी आँखों से देखेंगे।"

सन्त पापा ने कहा, "थेसलनीकियों को प्रेषित पत्र में सन्त पौल का यही अनुरोध है कि हम अपने दैनिक आचार-व्यवहार द्वारा आशा के साक्षी बनें।"       








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