2015-08-31 12:32:00

मध्यप्रदेश में बलात्कार की दर प्रकाशित आँकड़ों से कहीं अधिक


भोपाल, सोमवार, 31 अगस्त 2015 (ऊका समाचार): सरकारी आँकड़ों के अनुसार भारत के मध्यप्रदेश राज्य में प्रतिदिन कम से कम 13 महिलाएँ बलात्कार का शिकार बनती हैं किन्तु भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो सहित अनेक मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि असली संख्या इससे कहीं अधिक है।  

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा इस सप्ताह जारी आंकड़ें दर्शाते हैं कि मध्यप्रदेश में साल 2014 के दौरान 5076 बलात्कार की घटनाएँ हुई जो कि अगले उच्चतम दर वाले राज्य की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है।

महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो ने कहा, "आदिवासी और दलित महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अन्य यौन अपराधों के वास्तविक मामलों की रिपोर्ट बिरले ही दर्ज़ की जाती है।" 

उक्त ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार लगभग साढ़े सात करोड़ की आबादी वाले तथा क्षेत्र एवं जनसंख्या के मामले में छठे सबसे बड़े राज्य, मध्यप्रदेश में, आदिवासियों एवं निर्धन दलितों के विरुद्ध, 2014  के दौरान 4,150 अपराध दर्ज़ किये गये।

महाधर्माध्यक्ष कोरनेलियो ने ऊकान्यूज़.कॉम से कहा कि आदिवासी एवं दलित महिलाओं में व्याप्त निर्धनता तथा निरक्षरता के कारण वे अपने विरुद्ध होनेवाले बलात्कारों एवं अन्य जघन्य अपराधों की शिकायत नहीं करती हैं।

उन्होंने कहा कि निर्धनों के पास न तो धन होता है और न ही प्रभाव। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा, "भारत के जटिल विधि निकाय एवं कानून संहिता की समझदारी न होने के कारण दूर दराज़ के गाँवों में निवास करनेवाली महिलाएँ उनपर होनेवाले अत्याचारों को चुपचाप सहन करने को बाध्य होती हैं।" 

महाधर्माध्यक्ष लियो ने कहा कि बदनामी के डर से भी महिलाएं, बलात्कार एवं यौन शोषण जैसे जघन्य अपराधों की, शिकायत पुलिस से या लोगों के बीच नहीं कर पाती हैं।    








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