पुणे, सोमवार, 31 अगस्त 2015 (ऊका समाचार): महाराष्ट्र में विद्यार्थियों और, विशेष रूप से, किशोरियों की शिक्षा एवं उनके कल्याण हेतु उत्कृष्ट योगदान के लिये अपोस्टोलिक कारमेल धर्मसंघ की धर्मबहन सिस्टर मारिसा को राज्य के प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
महाराष्ट्र के लल्लानगर स्थित माऊन्ट कारमेल स्कूल की प्राचार्या सिस्टर मारिसा को, 19 अगस्त को, पुणे के अन्नाभाई साठे संस्कृत भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित क्रान्ति ज्योति सावित्रीबाई फुले पुरस्कार से नवाज़ा गया।
शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों एवं किशोरियों को सशक्त बनाने के लिये सिस्टर मारिसा को तेजस्विनी संस्था द्वारा उक्त पुरस्कार दिया गया।
यह पुरस्कार, महान समाज सुधारक सावित्रीबाई के नाम पर, स्थापित किया गया है जिन्होंने, पुरुष प्रधान भारतीय समाज में लड़कियों एवं किशोरियों को प्रतिष्ठापूर्वक अपने बल पर खड़ा करने के लिये अथक प्रयास किये थे।
पुरस्कार समिति ने कहा कि सिस्टर मारिसा ने कारमेल धर्मसंघ की संस्थापिका मदर वेरोनिका का अनुसरण करते हुए फुले के सामाजिक लक्ष्य को हासिल किया है।
पुरस्कार के तहत सि. मारिसा को एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, गुलदस्ता और मुख्य अतिथि सुलभा तरनेकर द्वारा फुले के जीवन पर मराठी में एक कृति अर्पित की गई।
काथलिक धर्मबहन सि. मारिसा ने पुरस्कार के लिये ईश्वर को धन्यवाद दिया तथा अपनी उपलब्धियों के लिये अपने इर्द-गिर्द काम करनेवालों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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