2015-08-28 14:00:00

मध्य जावा कुदुस में, ईसाइयों, मुसलमानों और बौद्धों का सह-अस्तित्व समारोह,


इन्डोनेशिया, शुक्रवार 28 अगस्त 2015, (एशिया न्यूज़) इन्डोनेशिया के मध्य जावा, कुदुस में सेमारांग महाधर्मप्रन्त ने बीते रविवार एक उत्सव का आयोजन, बालाई बुधया रेजोसारी भवन में किया जिसमें, मुस्लिम, बौद्ध और ख्रीस्तीय सम्प्रदाय के सभी शीर्षों ने भाग लिया।

समारोह के आयोजन का मुख्य मकसद देश में चली आ रही सुखाड़ को भुलाना, आजादी की 70वीं वर्षगाँठ को यादगार बनाते हुए आपसी धर्म संबंधों को बढ़ावा देना और स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने हेतु एक रंगमंच उपलब्ध कराना था, उक्त जानकारी परियोजना निदेशक फादर वाई बी हारयोनो ने दी।

विदित हो कि कार्यक्रम की शुरुआत 10 बजे दिन में हुई और इसका सम्पन्न दूसरे दिन बड़े सबेरे हुआ। समारोह के तहत अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जिसमें काथलिक और प्रोटेस्टेन्ट, हिन्दु मणिपुरी नर्तकों, बौद्धों और स्थानीय आदिवासी युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। काथलिक समुदाय के फादर लुकस पुरनावान हेरी ने चीनी कठपुत्ली कार्यक्रम का मंचन किया।

आयोजकों ने बाँस के बेंत को समारोह का प्रतीकात्मक रूप चुना था। फादर हारयोनो ने बतलाया "बाँस राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, क्योंकि बांस के रेशे समाज के विभिन्न समुदायों के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कि एक शरीर के रूप में स्वीकारे जाते हैं।"

इस समारोह की शुरूआत दो वर्ष पूर्व सेमारंग महाधर्मप्रान्त के अति मन्यवर महाधर्माध्यक्ष पुजासुमारत्रा की पहल पर एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हुई जिसका उदेश्य धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का आपसी आदान-प्रदान करना था। फादर हारयोनो ने कहा, हम यह महत्व नहीं देते कि हमारे पास आने वाले किस धर्म को मानते हैं, वरन् हम सभी का स्वागत करते हैं जो हमारे सभी संसाधनों का उपयोग सांस्कृतिक, अन्तर-धार्मिक मिलन के लिये कर सकें।

जावा के पूर्वी तट में कुदुस शहर अपनी इस्लामी परंपरा और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। विदित हो कि जावा में यह एकमात्र शहर है जो 16वीं सदी के अपने अरबी नाम अल-कुद्स या येरुसालेम को धारण करता है। पूर्वी जावा जो सामान्य रूप में पानतूरा तीमूर कहलाता है, देश में मुस्लमानों का सबसे बड़ा शहर है। इस उत्सव में मुस्लमानों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।

स्थानीय नेताओ में पाती से काई हज़ हैपी, रेंबंग से गुस अबिदिलल्ह अहमद और सेदुलुर सीकेप से मास गुनरेतनो ने धार्मिक संगोष्ठी में भाग लिया। 








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