2015-08-25 12:13:00

मरीन्स मामले में वैधानिक प्रक्रियाओं को स्थगित करने की आलोचना


केरल, मंगलवार, 25 अगस्त 2015 (एशियान्यूज़): केरल राज्य के कलीसियाई अधिकारियों एवं मछुआ उद्योग के नेताओं ने इटली के दो मरीन्स मामले में वैधानिक प्रक्रियाओं को स्थगित करने के संयुक्त राष्ट्र संघीय अदालत के फैसले की आलोचना की है। इताली मरीन्स पर तीन वर्ष पूर्व केरल के समुद्री तट पर मछली पकड़ते दो मछुआरों की हत्या का आरोप है।

तिरुवन्नतपुरम महाधर्मप्रान्त के प्रतिधर्माध्यक्ष यूजीन परेरा ने इस फैसले को भारत की संप्रभुता पर एक ख़तरा निरूपित किया। उन्होंने कहा कि हमबुर्ग अदालत का फैसला दो नौसैनिकों के मामले में  भारत के अधिकार क्षेत्र पर आशंका व्यक्त करता है। 

जर्मनी के हमबुर्ग शहर स्थित समुद्री कानून सम्बन्धी अन्तरराष्ट्रीय अदालत (इटलोस) ने भारत के दो मछुआरों की जान लेने के आरोपी इटली के दौ सैनिकों के मामले में इटली और भारत से कहा है कि वे सभी वैधानिक प्रक्रियाओं को स्थगित कर दें।

सोमवार को, हमबुर्ग की अदालत ने दोनों देशों को निर्देश दिया कि वे मरीन्स मामले में "यथास्थिति" बनाये रखें तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठायें जिससे दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ सकता है।

हालांकि, हमबुर्ग स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय अदालत ने इटली सरकार की इस अपील को स्वीकार किया है कि भारत इस मामले में कार्रवाई नहीं करे तथापि, दो मरीन्स की देश वापसी को लेकर की गई इताली सरकार की मांग को ठुकरा दिया है।

अदालत के निर्देश के अनुसार इताली मरीन्स सालवातोरे जिरोने हेग स्थित आरबिट्रल ट्रिब्यूनल का फैसला आने तक भारत में ही रहेंगे तथा मरीन्स मास्सिमो लातेरे इटली में अपना उपचार कर सकेंगे।

इसके अतिरिक्त, हमबुर्ग स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय अदालत ने 24 सितम्बर के अन्तर्गत दोनों पक्षों को मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।     

अदालत के फैसले में यह भी कहा गया कि अदालत "भारत के दो मछुआरों के परिजनों के दुःख के प्रति सचेत है किन्तु साथ ही इतने लम्बे समय से स्वतंत्रता कुण्ठित होने के फलस्वरूप दो मरीन्स एवं उनके परिवारों की व्यथा के प्रति भी सचेत है।"  

ग़ौरतलब है कि इटली के एनरिका लेक्सी पोत पर तैनात, इताली मरीन्स सालतोरे जिरोने तथा मास्सिमों लातोरे ने, 15 फरवरी 2012 को, केरल के समुद्री तट पर भारत के दो मछुआरों को पोत डाकू समझकर उनपर गोलियाँ चला दी थी और उनकी हत्या कर दी थी।  








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