2015-08-24 12:30:00

स्कूलों की प्रताड़ना के विरुद्ध कलीसियाई नेता अदालती कार्रवाई के लिये तैयार


भोपाल, सोमवार, 24 अगस्त 2015 (ऊका): मध्यप्रदेश के ख्रीस्तीय नेताओं ने राज्य प्रशासन पर ख्रीस्तीय स्कूलों के उत्पीड़न का आरोप लगाकर कहा है कि अपने अधिकारों की सुरक्षा हेतु वे अदालत की शरण लेंगे।

उत्पीड़न की अन्तिम घटना इन्दौर ज़िले में हुई जब अगस्त माह के आरम्भ में इन्दौर ज़िले के कलेक्टर ने सेन्ट मेरीज़ सिनियर सेकेण्डरी स्कूल तथा राजेश्वर विद्यलय हायर सेकेण्डरी स्कूलों से, स्कूल फीस बढ़ाने का कारण बताने को कहा।

ऊका समाचार से इन्दौर के धर्माध्यक्ष चाको थोटूमारिकल ने कहा, "ऐसा जान पड़ता है कि कलेक्टर अपनी पहल पर नहीं किन्तु कुछेक विरोधी तत्वों के दबाव में काम कर रहे हैं।" 

धर्माध्यक्ष थोटूमारिकल के अनुसार यह ख्रीस्तीयों के क्रमबद्ध उत्पीड़न का ही अंग है। बिना किसी दल या संगठन का नाम लिये धर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि कलीसिया विरोधी दल राज्य में लगभग एक दशक से सक्रिय हैं।

ख्रीस्तीय नेताओं ने कई अवसरों पर इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया है कि सन् 2003 से जब से हिन्दू चरमपंथी दलों द्वारा समर्थित भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से ख्रीस्तीयों पर लगातार आक्रमण होते रहे हैं।  

धर्माध्यक्ष थोटूमारिकल ने कहा कि कलेक्टर द्वारा काथलिक स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा जाना सरासर ग़लत एवं ग़ैरकानूनी था इसलिये कि भारतीय संविधान धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों को स्वतंत्र रूप से अपनी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना एवं उनके संचालन की गारंटी दोता है।

मध्यप्रदेश में काथलिक स्कूलों के प्रान्तीय शिक्षा सचिव फादर थॉमस आटूमेल ने कहा कि काथलिक स्कूलों को सरकार से किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती है तथा इन स्कूलों के प्रबन्धन में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप के विरुद्ध अदालती आदेश मौजूद हैं।

उन्होंने प्रश्न किया कि प्रशासन ग़ैर ख्रीस्तीय निजी स्कूलों से इस प्रकार के प्रश्न क्यों नहीं करता?  जो स्कूलों की फीस पर राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन कर फीस के रूप में बड़ी-बड़ी रकमों की मांग करते हैं।          

उन्होंने स्मरण दिलाया कि सेन्ट मेरीज़ सिनियर सेकेण्डरी स्कूल विगत 123 वर्षों से तथा राजेश्वर विद्यलय हायर सेकेण्डरी स्कूल 132 वर्षों से सभी धर्मों एवं वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।     








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