2015-08-15 15:00:00

धर्माध्यक्षों ने ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा की निंदा की


भोपाल, शनिवार, 15 अगस्त 2015 (ऊकान): मध्यप्रदेश के काथलिक धर्माध्यक्षों ने लोगों से अपील की है कि वे ईसाई विरोधी हिंसा के खिलाफ अपनी सुरक्षा हेतु कानून का सहारा लें।

धर्माध्यक्षों ने यह अपील 13 अगस्त को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय सभा के अंत में की जिसमें उन्होंने राज्य में हो रहे चरमपंथियों की हिंसक गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की आबादी करीब 75 प्रतिशत है जिसमें काथलिकों की संख्या लगभग 1 प्रतिशत है जो हमेशा चरमपंथियों के आक्रमण के भय की आशंका में रहती हैं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में चरमपंथियों ने ईसाईयों पर धर्मांतरण का आरोप लगाया है। यहाँ सरकार की अनुमति के बिना ईसाई धर्म स्वीकार करना ग़ैरकानूनी माना जाता है तथा जो इस नियम का उलंघन करता है उसे जेल भेजने एवं जुरमाना भरने की सज़ा का भी प्रावधान है।

धर्माध्यक्षों ने कहा, ″यह अत्यंत दुखद है कि कथित धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर ईसाई लगातार आक्रमण के भय में रहते हैं।″

जमशेदपुर धर्माध्यक्ष जेराल्ड अलमेइदा ने कहा कि भारत में ख्रीस्तीयों की संख्या 10 वर्षों में तेजी से गिरी है यदि धर्मांतरण का मुद्दा सच होता तो ईसाईयों की संख्या अवश्य बढ़ी होती।

धर्माध्यक्ष जेराल्ड ने ईसाईयों की परेशानी को दर्शाते हुए कहा कि पिछले 6 महीनों में ख्रीस्तीय विरोधी आक्रमण के 20 मामले सामने आये और यह आक्रमण जारी है क्योंकि इस मामले में नेताओं का रवैया उदासीनता पूर्ण है।

सभा में उपस्थित सभी धर्माध्यक्षों ने अपने समर्पण को सुदृढ़ किया कि वे मानव हित के कार्यों को जारी रखेंगे।








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