2015-08-14 16:02:00

तिमोर के धर्मसमाजियों को कार्डिनल परोलिन का सम्बोधन


तिमोर, शुक्रवार, 14 अगस्त 2015 (वीआर सेदोक): पूर्वी तिमोर के दिली में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने शुक्रवार 14 अगस्त को वहाँ के धर्मसमाजियों के साथ पावन ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उन्होंने प्रवचन में कहा, ″धन्य हैं वे जो ईश वचन के सुनते और उसका पालन करते हैं।″ (लुक. 11:28) उन्होंने कहा कि हम धर्मसमाजी पुरोहितों एवं धर्मबहनों के लिए येसु का ये वचन कितना महत्वपूर्ण है। इन शब्दों की घोषणा करते हुए प्रभु ख्रीस्तीय आनन्द के स्रोत के बारे बतलाते हैं कि यह ईश वचन सुनने एवं उसका पालन करने में है। उन्होंने कहा कि एक धर्मसमाजी के रूप में हमारी बुलाहट की जड़ येसु का वह कथन है, ″आओ और मेरा अनुसरण करो।″(मती.4:19)

उन्होंने इस ख्रीस्तयाग का उद्देश्य बतलाते हुए कहा कि कलीसिया के जीवन में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं, पहला, विश्व व्यापी कलीसिया समर्पित जीवन का वर्ष मना रही है तथा दूसरा, तिमोर की कलीसिया में प्रेरिताई की पाँच सौवीं जयन्ती।

उन्होंने कहा कि इन पाँच सौ सालों में तिमोर के धर्मसमाजियों ने सुसमाचार प्रचार करने, विश्वास को फैलाने तथा लोगों की सेवा के क्षेत्र में अपरिहार्य भूमिका अदा की है। कार्डिनल ने धर्मसमाजियों के सभी योगदानों के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके कठिन परिश्रम का फल स्पष्ट परिलक्षित होता है।

कार्डिनल परोलिन ने इस फल का श्रेय प्रभु को दिया क्योंकि ″यदि प्रभु घर नहीं बनाये, तो राजमिस्रियों का श्रम व्यर्थ है।″ (स्तोत्र 127:1) उन्होंने कहा कि हमारे हाथों, मन तथा हमारी भली इच्छाओं द्वारा प्रभु ही घर का निर्माण कर सकते हैं किन्तु उसके लिए हमें ईश वचन सुनने तथा उसका पालन करने की आवश्यकता है।

कार्डिनल ने धर्मसमाजियों की प्रेरिताई हेतु सलाह देते हुए कहा कि उनके मिशन का आधार प्रभु के वचन को सुनना एवं उसका पालन करना है। उन्होंने कहा कि हम ख्रीस्तीयों के लिए ईश वचन सुनना ही प्रभु येसु से मुलाकात करना है।

कार्डिनल परोलिन ने धर्मसमाजियों के जीवन को उदारता का जीवन बतलाते हुए कहा कि इसे अधिक अर्थपूर्ण एवं प्रभावशाली बनाने हेतु हमें ख्रीस्त के साथ सहरा संबंध स्थापित करने की आवश्यकता है जो शब्द थे और जिन्होंने शरीर धारण किया ताकि हमारे साथ एक हो सकें।








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