2015-08-10 17:40:00

एक पहचान बनायें बिना रास्ता खोये, संत पापा


वाटिकन, सोमवार, 10 अगस्त 2015 वाटिकन (ऊकान): “येसु का अनुसरण करते हुए सही काम को करना विश्वासियों को सच्ची शांति प्रदान करता है, लेकिन बहुधा यह क्रूस के साथ आता है।”ये बात संत पापा फ्राँसिस ने युवा यूखरिस्तीय सम्मेलन हेतु रोम में एकत्र युवाओं और वयस्कों से कही।

रोम में 4 से 10 अगस्त तक आयोजित युवा यूखरिस्तीय सम्मेलन में कुल 35 देशों के करीब 1500 सदस्यों ने भाग लिया।

युवाओं के सवालों का उत्तर देते हुए संत पापा ने कहा कि निरंतर आत्माओं की परख करना, ईश्वरीय योजना को पहचानना और उसे पूरा करना, एक येसु समाजी के लिए बड़ी चुनौती है, जो हमें आंतरिक शांति प्रदान करता है

ज्ञात हो कि युवा युखरिस्तीय सम्मेलन इस वर्ष अपनी 100 वीं वर्षगांठ माना रहा है। इस अवसर पर 5 से 25 वर्ष की आयु वाले युवाओं के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यह सम्मेलन युवाओं में कलीसियाई सहभागिता द्वारा कलीसिया के प्रति सेवा का भाव उत्पन्न करता है।

पापा ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा, “आप को तनाव से नहीं डरना चाहिए क्योंकि यह आप को बढ़ने में मदद नहीं करता है, तनाव का समाधान वार्ता से करना चाहिए क्योंकि यह हमें जोड़ता हैं चाहे यह मित्र के बीच हो अथवा परिवार में। संत पापा ने कहा कि तनाव की स्थिति में अधिक समय तक नहीं रहना चाहिए क्योंकि यह आप को हानि पहुँचता है।”

आत्माओं की परख पर संत पापा ने कहा कि येसु की शांति निश्चितता दिलाती है कि हम सही पथ पर हैं। यह हमारे साथ सदैव बनी रहती है, किन्तु क्षणिक शांति शैतान की ओर से आती, जो हमारे पास थोड़े समय तक ही रहती है।








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