2015-08-06 12:27:00

वाटिकन सिटीः सन्त पापा के सन्देश में धार्मिक स्वतंत्रता एवं विवाह संस्कार पर बल


वाटिकन सिटी, गुरुवार, 6 अगस्त 2015 (सेदोक): नाईट्स ऑफ कोलुम्बुस नामक कल्याणकारी संगठन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने धार्मिक स्वतंत्रता एवं विवाह संस्कार के महत्व पर बल दिया।

इस समय अमरीका के पेनसिलवेनिया स्थित फिलाडेलफिया शहर में नाईट्स ऑफ कोलुम्बुस का 133 वाँ महासम्मेलन जारी है।वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा हस्ताक्षरित सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश नाईट्स ऑफ कोलुम्बुस सगंठन के विश्व प्रमुख कार्ल एनडरसन को सम्बोधित है।सन्त पापा फ्राँसिस ने फिलेडेलफिया सम्मेलन में एकत्र प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ अर्पित कर सम्मेलन की सफलता के लिये प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया है। सम्मेलन का विषय हैः "सृष्टिकर्त्ता द्वारा जीवन एवं स्वतंत्रता से सम्पन्न"।  

सन्देश में सन्त पापा ने नाईट्स ऑफ कोलुम्बुस संगठन के कल्याणकारी कार्यों की सराहना की तथा कहा कि वर्षों से संगठन द्वारा सम्पन्न कार्यों में, सार्वजनिक रूप से, ख्रीस्तीय मूल्यों का साक्ष्य प्रस्तुत किया जाता रहा है।

सम्मेलन के विषय पर चिन्तन करते हुए उन्होंने ख्रीस्तीय विवाह संस्कार का मर्म समझाया और कहा, "सृष्टिकर्त्ता की योजना में विवाह संस्कार एक पुरुष और एक स्त्री के बीच प्रेम और विश्वास का सम्बन्ध है। यह पूर्णता एवं पवित्रता में सम्पादित होनेवाली जीवन की तीर्थयात्रा है जो मानव परिवार के भविष्य के लिये आजीवन बरकरार रहती है।"

सन्त पापा ने कहा, "ऐसी परिस्थिति में, आज, जब विवाह संस्था पर बलशाली सांस्कृतिक शक्तियों द्वारा प्रहार किया जा रहा है विश्वासियों का आह्वान किया जाता है कि वे बाईबिल में निहित  प्राकृतिक विधान के मूलभूत सत्य का साक्ष्य का प्रदान करें।"

वर्तमान समाज के समक्ष प्रस्तुत नैतिक, सामाजिक एवं राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिये सन्त पापा ने विवेक एवं सूझ-बूझ के साथ प्रत्युत्तर देने का आग्रह किया। कई देशों में मानव के धर्मपालन और अन्तःकरण की स्वतंत्रता के उल्लंघन के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि काथलिक धर्मानुयायियों का दायित्व है कि वे हर स्थिति में धार्मिक स्वतंत्रता की पैरवी करें।             








All the contents on this site are copyrighted ©.