2015-08-05 12:12:00

आम दर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस की धर्मशिक्षा


वाटिकन सिटी, 05 अगस्त सन् 2015 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पापा पौल षष्टम भवन में  साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के समय, परिवार विषय पर, अपनी धर्मशिक्षा माला जारी कर सन्त पापा फ्राँसिस ने उपस्थित भक्त समुदाय को इन शब्दों से सम्बोधित कियाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

परिवार पर हम अपनी धर्मशिक्षा माला को जारी रखें।  आम दर्शन समारोह के पिछले अवसर पर पति पत्नी के बीच ग़ैरसमझदारी से उत्पन्न घावों से पीड़ित परिवारों के बारे में बोलने के बाद आज मैं आपका ध्यान परिवार की एक और वास्तविकता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। किस प्रकार हम उन लोगों की देखभाल कर सकते हैं जो अपने वैवाहिक जीवन में असफल होने के बाद एक नये रिश्ते में बँध जाते हैं, जो तलाक के बाद एक दूसरे रिश्ते में प्रवेश कर जाते हैं।"       

सन्त पापा ने कहाः "हालांकि, उनका सम्बन्ध विवाह संस्कार के विरुद्ध है, तथापि, माता होने के नाते, कलीसिया अपनी सन्तानों का कल्याण और उनकी मुक्ति चाहती है। चूँकि ये परिस्थितियाँ बच्चों को प्रभावित करती हैं, अपने समुदायों में इन परिवारों का स्वागत अत्यावश्यक हो जाता है इस तथ्य के प्रति हम सचेत हैं।"

सन्त पापा ने प्रश्न कियाः "यदि हम इन अभिभावकों को अपने से अलग कर देते हैं तो कैसे हम इन्हें प्रोत्साहन दे सकते हैं कि वे अपनी सन्तानों को ख्रीस्तीय जीवन के अनुकूल पोषित करें? किस प्रकार ख्रीस्तीय विश्वास का उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं? मैं उन पुरोहितों एवं मेषपालों के प्रति विशेष रूप से आभारी हूँ जिन्होंने मेरे पूर्वज़ों से मार्गदर्शन पाकर, इन परिवारों को कलीसिया के अंग बने रहने के लिये कर्मिष्ठ प्रयास किया। इस प्रकार की परिस्थितियों का हल सरल नहीं है, फिर भी, प्रार्थना, ईश वचन के श्रवण, बच्चों की ख्रीस्तीय परवरिश तथा निर्धनों की सेवा द्वारा, हम इन परिवारों को कलीसिया के जीवन में भागीदार होने के लिये प्रोत्साहन दे सकते हैं और देना भी चाहिये। जैसे कि भला गड़ेरिया चरागाह के लिये अपना जीवन दे देता है उसी प्रकार माता होने के नाते कलीसिया भी अपनी सन्तानों के लिये जीवन अर्पित करती है और ऐसा वह "पिता का घर" बनकर करती है जिसके द्वार सभी के लिये उदारतापूर्वक खुले रहते हैं।"       

सन्त पापा ने अन्त मंगलकामना की और कहाः "सभी लोग, विशेष रूप से, ख्रीस्तीय परिवार, भले गड़ेरिये का अनुसरण करें जो अपनी सब भेड़ों को जानते हैं और किसी को भी अपने असीम प्रेम से वंचित नहीं करते।" 

इतना कहकर सन्त पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ "हे पिता हमारे प्रार्थना का पाठ किया  तथा सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया। 








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