2015-08-02 11:29:00

प्रेरक मोतीः वरचेल्ली के सन्त यूसेबियुस (283-371 ई.)


वाटिकन सिटी, 02 अगस्त सन् 2015

वरचेल्ली के सन्त यूसेबियुस इटली के धर्माध्यक्ष थे। सन्त अथानासियुस के साथ मिलकर उन्होंने आरियनवाद का विरोध किया था तथा प्रभु येसु मसीह के ईश्वरत्व की पुष्टि की थी।

यूसेबियुस का जन्म इटली के सारदिनिया द्वीप में, 02 मार्च, सन् 283 ई. को, हुआ था। वरचेल्ली के धर्माध्यक्ष नियुक्त किये जाने से पूर्व वे रोम में ईशशास्त्र के प्राध्यापक थे। सन् 340 ई. के आसपास वे वरचेल्ली के धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। यूसेबियुस की मृत्यु के दो दशक बाद, एम्ब्रोज़ द्वारा वरचेल्ली के काथलिक समुदाय को प्रेषित एक पत्र के अनुसार स्थानीय नेताओं ने यूसेबियुस के सदगुणों एवं उनके दयाभाव को पहचान कर उनकी नियुक्ति को चरितार्थ किया था। अपने धर्माध्यक्षीय काल में यूसेबियुस ने अपने पुरोहितों को, पूर्वी रीति के याजकों की तर्ज़ पर मठवासी जीवन की प्रेरणा दी थी इसीलिये, सन्त अगस्टीन के धर्मसमाजी, अपनी नियम संहिता में में अगस्टीन के साथ साथ वरचेल्ली के यूसेबियुस को भी धर्मसमाज के सह-संस्थापक मानते हैं।

सन् 354 ई. में सन्त पापा लाईबेरियुस ने धर्माध्यक्ष यूसेबियुस से आग्रह किया था कि वे कालयारी के धर्माध्यक्ष लूसीफर के साथ मिलान में सम्राट कॉन्सतानतियुस के पास जायें तथा उनसे मिन्नत करें कि वे एलेक्ज़ेनड्रिया के अथानासियुस की स्थिति तथा आरियनवाद के मामले पर एक धर्मसभा बुलवायें। तदोपरान्त, सन् 355 ई. में मिलान में धर्माध्यक्षीय धर्मसभा हुई। यूसेबियुस धर्मसभा में शरीक हुए जहाँ उन्होंने अथानासियुस के खण्डन से इनकार कर दिया जिसके परिणामस्वरूप उन्हें, पहले सिरिया, फिर काप्पादोसिया और बाद में मिस्र, निष्कासित कर दिया गया। धर्मसभा के दौरान तथा उसके बारे में यूसेबियुस द्वारा लिखे गये कई पत्र अब भी मौजूद हैं।

जब सम्राट जूलियन गद्दी पर बैठे तब निष्कासित धर्माध्यक्षों को वापस उनकी पीठ बुला लिया गया। वापसी यात्रा पर धर्माध्यक्ष यूसेबियुस एलेक्ज़ेनड्रिया होते हुए गये जहाँ उन्होंने सन् 362 ई. में अथानासियुस की सभा को समर्थन दिया तथा इस अवसर पर पवित्रआत्मा के ईश्वरत्व तथा ईश पुत्र के देहधारण सम्बन्धी धर्मसिद्धान्त की पुष्टि की। आरियुस के मिथ्या प्रचार के कारण अलग हुए धर्माध्यक्षों के साथ भी धर्मसभा दयाभाव से पेश आई तथा उन्हें वापस कलीसिया में जगह दे दी गई। सन् 363 ई. में इटली वापस पहुँचने पर धर्माध्यक्ष यूसेबियुस ने पश्चिम देशों की कलीसिया में आरियनवाद के कारण उठते विवादों को समाप्त किया तथा विभाजन होने से रोका। 01 अगस्त, सन् 371 ई. में वरचेल्ली के धर्माध्यक्ष एवं सन्त यूसेबियुस का निधन हो गया। उनका पर्व 02 अगस्त को मनाया जाता है।

चिन्तनः वरचेल्ली के सन्त यूसेबियुस मिथ्या धारणाओं एवं भ्रामक प्रचार से हमारी रक्षा करें ताकि हम, विश्वास के तत्वों को अक्षुण रखते हुए, विश्व में प्रभु येसु ख्रीस्त के साक्षी बन सकें।     








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