2015-07-31 17:46:00

महाधर्माध्यक्ष आउजा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित किया


न्यूयॉर्क, शुक्रवार 31 जुलाई, 2015 (सेदोक,वीआर) संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन सिटी के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आउजा ने बहस्पतिवार 30 जुलाई को संबोधित करते हुए कहा, "विकासशील छोटे द्वीप जिन चुनौतियों का सामना करते हैं उनमें जलवायु संबंधी समस्यायें प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा जलवायु संबंधी समस्याओं में  समुद्री सतह का ऊपर आना, उष्णकटिबंधीय तूफान आना, वायु और समुद्री सतह का तापमान बढ़ना आदि शामिल है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि जलवायु संबंधी समस्यायें न केवल जलवायु की समस्या है पर इसका असर विकास पर भी होता है। इसलिये ज़रूरी है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या पर हम ध्यान दें।

इसके लिये ज़रूरी है विकास के नये तरीक से देखने का। संयुक्त राष्ट्र संघ का क नैतिक दायित्व यह भी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय तथा स्थानीय नीति निर्धारक, राजनीतिक तथा आर्थिक नेताओं, वैज्ञानिक तथा धार्मिक नेतागण सब मिलकर इसमें अपना योगदान दें।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हम दो समस्याओं से नहीं जूझ रहे हैं एक जलवायु संबंधी और दूसरा सामाजिक। वास्तव में ये समस्या सामाजिक और जलवायुसंबंधी दोनों है।

इस प्रकार की समस्या के समझना के लिये ज़रूरी है गरीबी हटाना और हाशिये में जीवन जीने वालों की मर्यादा प्रदान करना। इसके साथ-साथ प्रकृति की रक्षा करना।

उन्होंने कहा कि यदि हम इस बात को भूल जायेंगे कि हम मानव और प्रकृति के साथ जुड़े हुए हैं तो हमारा उनके प्रति मनोभाव बदल जायेगा।हम अपने को मालिक समझेंगे, हम उपभोक्ता बन जायेंगे और प्रकृति के शोषक बनेंगे जिसकी कोई सीमा नहीं होगी। ठीक इसके विपरीत यदि हम प्रकृति और मानव के साथ जुड़े रहेंगे तो हमें स्वतः इसकी रक्षा करेंगे।

उन्होंने कहा कि संत पापा फ्राँसिस चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के निदान के लिये निःस्वार्थ उत्तरदायित्व का साक्ष्य,जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिये पर्याप्त स्रोत तथा स्थायी विकास के लिये गरीबों की मदद ज़रूरी है।








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