पातया, थाइलैंड, बृहस्पतिवार 23 जुलाई, 2015 (उकान), धर्मसंघियों के समर्पित वर्ष के अवसर पर थाईलैंड के पातया के रिडेम्पटोरिस केन्द्र में आयोजित एशियाई धर्माध्यक्षों की पाँचदिवसीय गोष्ठी को संबोधित करते हुए वाटिकन अधिकारी कर्डिनल डे अभीज ने कहा कि वे अपने आपको पूर्ण रूप से समर्पित करें ताकि कलीसिया की सेवा और बेहतर ढंग से कर सकें।
उन्होंने कहा "हम हथियारों या राजनीति के माध्यम से सुसमाचार का प्रचार नहीं कर सकते । हमें ऐसा जीवन जीने की आवश्यकता है कि येसु हमारे जीवन का केन्द बनें और हम उनके प्यार से प्रेरित हो कर लोगों की सेवा कर सकेँ। केवल परोपकारी होना ही हमारे लिए प्रर्याप्त नहीं है।"
फ्राँसिकन कार्डिनल ने धर्मसंघियों और अन्य सभी समार्पित जीवन जीने वालों से कहा कि वे पैसा, पद या अधिकार को नहीं वरन् येसु को अपने जीवन का केन्द्र बनायें।
उन्होंने कहा, "हमें पैसा, पद या अधिकार के बारे में अपनी सोच और संबंध बदलने की ज़रूरत है। हम ईश्वर को अपने जीवन का केन्द्र बना लें जिससे हम लोगों को सच्ची सेवा दे सकें।"
समर्पित वर्ष और प्रेरितिक जीवन संबंधी समितियों के अध्यक्ष कार्डिनल डे अभीज ने कहा, "हमें चाहिये कि हम पूरे जोश और उमंग समर्पित जीवन जीयें, न कि व्यक्तिगत धर्मसमाज के इतिहास और संस्कृति के अनुसार, और यह तब संभंव है जब येसु हमारे जीवन के केन्द्र बिन्दु हों ।"
कार्डिनल डे अभीज ने कहा "जो धर्मसंघी जीवन जी रहे हैं उन्हें ऐसा जीना है मानो वे समाज में भाई-बहन हों, न की अधिकारी और कार्यकर्ता। ये तब संभव होगा जब वे ईश्वर के प्यार का अनुभव गहराई से करेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा, "हमें अपनी तकलीफ़ों, चुनौतियों और कठिनाईयों के समाधान के लिये एक दूसरे से वार्ता करने की ज़रुरत है। "
विदित हो संत पापा फ्राँसिस ने सन् 2015 को अन्तरराष्ट्रीय समर्पित वर्ष घोषित किया था जिसका आरंभ पिछले 30 नवम्बर 2014 को हुआ और 2 फरवरी 2016 को इसका समापन हो जायेगा।
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