2015-07-13 11:56:00

पारागुए की झुग्गी झोपड़ी से निर्धनों एवं रोगियों की सेवा का आह्वान


आसुनसियोन, पारागुए, सोमवार, 13 जुलाई 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने रविवार को पारागुए की बनादो नोर्ते नामक बाढ़प्रवण झुग्गी झोपड़ी की भेंट कर एक बार फिर निर्धनों एवं हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि काथलिक कलीसिया सभी बीमार, परित्यक्त एवं बेसहारा लोगों के लिये स्वागत स्थल बने। 

दक्षिण अमरीका के एक्वाडोर, बोलिविया तथा पारागुए में काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस अपनी आठ दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न कर पुनः रोम लौट आये हैं।   

रविवार, 12 जुलाई को सन्त पापा ने आसुनसियोन शहर की बनादो नोर्ते झुग्गी-झोपड़ी में ऐसे लोगों से मुलाकात की जिनके पास लगभग कुछ नहीं है, जो कई बार, निरन्तर आनेवाली बाढ़ों में अपनी झोपड़ियों को ध्वस्त होते देख चुके हैं।

बनादो नोर्ते झुग्गी-झोपड़ी में सन्त पापा की मुलाकात कोई राजनैतिक रैली नहीं थी और न ही  सरकार से कुछ करने की अपील का मौका था किन्तु सन्त पापा ने यहाँ लोगों को ईश्वर में अपने विश्वास को सुदृढ़ रखने का सन्देश दिया क्योंकि ईश्वर ही सबकुछ को सहने की शक्ति और धैर्य प्रदान करते हैं। उन्होंने कहाः "विश्वास हमें एक दूसरे के निकट लाता है। वह हमें अन्यों के जीवन के निकट लाकर पड़ौसी बनाता तथा हममें एकात्मता को जगाता है।"  

बनादो नोर्ते झुग्गी झोपड़ी के लोगों को आशा का सन्देश देने के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस, 10 किलो मीटर दूर स्थित न्यू ग्वात्सू तीर्थस्थल गये। यह वही तीर्थस्थल है जहाँ सन् 1988 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने पारागुए के देशज शहीद सन्त रॉक गोनज़ालवेज़ तथा साथियों को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था। रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने इसी तीर्थस्थल के उद्यान में एकत्र पारागुए के लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया। ख्रीस्तयाग के लिये 40,000 मक्के के भुट्टों, दो लाख नारियलों तथा एक हज़ार कद्दुओं से सजा मंच वास्तव में एक विलक्षण दृश्य था। मंच को सजानेवाले कलाकार कोकी रूईज़ ने पत्रकारों से कहा कि इस दृश्य का उद्देश्य "प्राचीन काल के ग्वारानी आदिवासियों के प्रति श्रद्धा अर्पित करना था जिन्होंने धरती का सदैव सम्मान किया था।" 








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