2015-07-09 12:58:00

ला पाज़ः राष्ट्रपति से मुलाकात, नागर समाज के प्रतिनिधियों को सम्बोधन


ला पाज़, गुरुवार, 09 जुलाई 2015 (सेदोक): बोलिविया के "एल आल्तो" हवाई अड्डे पर स्वागत समारोह के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस "ला पाज़" शहर स्थित राष्ट्रपति भवन गये जहाँ उन्होंने  बोलिविया के राष्ट्रपति एवो मोरालेस से औपचारिक मुलाकात की। हवाई अड्डे से ला पाज़ शहर तक 13 किलो मीटर तक की दूरी सन्त पापा ने अपनी पारदर्शी मोटर गाड़ी से तय की तथा मार्ग के ओर-छोर खड़े सैकड़ों प्रशंसकों को दर्शन देकर कृतार्थ किया।

राष्ट्रपति मोरालेस तथा सन्त पापा फ्राँसिस के बीच लगभग 30 मिनट तक बातचीत हुई। गोपनीयता के नियम का पालन करते हुए बातचीत का विवरण प्रकाशित नहीं किया गया है। बातचीत के उपरान्त दोनों नेताओं के बीच उपहारों का आदान प्रदान हुआ।  राष्ट्रपति मोरालेस ने सन्त पापा को, समाजवाद में श्रमिकों एवं किसानों के प्रतीक, काठ की हतौड़ी एवं हँसिया में खुदा हुआ क्रूस अर्पित किया। इसके अतिरिक्त, "समुद्र की किताब" शीर्षक से लिखी एक पुस्तक भी प्रदान की जो चीले के साथ सन् 1879 से 83 तक हुए युद्ध की कहानी है तथा जिसके दौरान बोलिविया को प्रशान्त सागर में गतिविधियों से वंचित कर दिया गया था।

सन्त पापा फ्राँसिस ने राष्ट्रपति को माँ मरियम की एक मोजक प्रतिमा तथा हाल में पर्यावरण पर प्रकाशित उनके विश्व पत्र "लाओदातो सी" की एक प्रति भेंट स्वरूप अर्पित की।      

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सन्त पापा फ्राँसिस राष्ट्रपति भवन के निकट स्थित ला पाज़ के महागिरजाघर गये जहाँ उन्होंने नागर जगत के प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने नागर अधिकारियों से आग्रह किया कि वे नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करें तथा नागरिक जीवन में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अपनी भूमिका अदा करने का मौका दें।

बोलिविया की लगभग पूरी जनसंख्या ख्रीस्तीय धर्मानुयायी है जिनमें 82 प्रतिशत काथलिक तथा 16 प्रतिशत प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय हैं। सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि इस बात को कदापि न भुलाया जाना चाहिये कि बोलिवियाई लोगों की अस्मिता एवं पहचान को गढ़ने में ख्रीस्तीय धर्म ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 








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