2015-07-09 16:09:00

बेहतर विश्व के निर्माण में ख़मीर बनें


बोलीविया, बृहस्पतिवार, 9 जुलाई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ लातीनी अमरीका में अपनी प्रेरितिक यात्रा पर बुधवार 8 जुलाई को संत पापा फ्राँसिस बोलिविया पहुँचे जहाँ एल अल्तो के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बोलिविया के राष्ट्रपति एवो मोराल्स एवं अन्य अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। संत पापा ने उनका अभिवादन करते हुए देश में शांति तथा समृद्धि की कामना की।

संत पापा ने बोलिविया की प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना करते हुए इसे ईश्वर की कृपा का पात्र कहा। उन्होंने बोलिविया में विविधता की प्रशंसा करते हुए कहा, बोलिविया ″अपने निवासियों के कारण धन्य है। यह महान संस्कृति एवं कई जाति के लोगों का घर है जो आपसी सम्मान एवं वार्ता को समृद्ध करने हेतु बड़ा माध्यम है।″  

संत पापा ने खुशी जाहिर की कि ऐसी धरती पर सुसमाचार की घोषणा ने जड़ पकड़ा तथा विकसित हुआ। इसने समाज में अपनी रोशनी फैलायी है तथा देश के विकास एवं संस्कृति को गढ़ने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

संत पापा ने बोलिविया में अपनी प्रेरितिक यात्रा का उद्देश्य बतलाते हुए कहा कि वे एक तीर्थयात्री के रूप में पुनर्जीवित ख्रीस्त में विश्वास करने वाले लोगों के विश्वास को मजबूत करने आये हैं ताकि पृथ्वी पर तीर्थयात्रा करते हुए हम ख्रीस्तीय ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य दे सकें, बेहतर विश्व के निर्माण में ख़मीर बन सकें तथा न्यायिक एवं भ्रातृत्व पूर्ण समाज के निर्माण में अपना सहयोग दे सकें।

संत पापा ने बोलिविया के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक विकास पर गौर करते हुए कहा कि देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान देता तथा उनके विकास को प्रोत्साहन देता है। उन्होंने कहा कि इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु नागरिक के सहयोग तथा वार्ता की आवश्यकता है साथ ही साथ सभी के हित में प्रत्येक तथा पूरे समुदाय को भाग लेने की आवश्यकता है।

संत पापा ने ख्रीस्तीयों को प्रोत्साहन दिया कि वे सुसमाचार के आनन्द को बाटें, पृथ्वी के नमक बनें एवं दीपक बन कर दुनिया को रोशन करें। जरूरतमंद एवं कमजोर लोगों की देखभाल तथा रक्षा करें। उन्होंने कहा, ″हम प्रत्येक व्यक्ति को भाई एवं बहन के रूप में स्वीकार किये बिना पिता ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते तथा अपना त्याग किये बिना हम येसु का अनुसरण नहीं कर सकते जिन्होंने अपने को क्रूस पर अर्पित कर दिया। संत पापा ने पारिवारिक रिश्तों एवं मूल्यों को बनाये रखने की भी सलाह दी।

संत पापा ने स्मरण दिलाया कि कलीसिया युवाओं का विशेष ख्याल रखती है, बच्चों की देखभाल करती तथा युवाओं को महान आदर्शों को अपनाने हेतु मदद करती है।

           

 

 








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