2015-07-08 12:52:00

सृष्टि की सुरक्षा एक प्रस्ताव नहीं अपितु एक आवश्यकता, सन्त पापा फ्राँसिस


क्वीटो, बुधवार, 08 जुलाई 2015 (सेदोक): क्वीटो स्थित एक्वाडोर के परमधर्मपीठीय काथलिक विश्वविद्यालय में मंगलवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक नये आर्थिक एवं पर्यावरणीय विश्व निकाय का आह्वान किया। हाल ही में पर्यावरण की सुरक्षा पर प्रकाशित अपने विश्व पत्र "लाओदातो सी" में पर्यावरण की सुरक्षा तथा मानव के धारणीय विकास पर बल देने के उपरान्त मंगलवार को सन्त पापा ने एक बार फिर इस बात की पुनरावृत्ति की कि "धरती के संसाधन सब लोगों के लिये हैं जिनका शोषण कुछ ही धनाढ्य लोगों द्वारा अल्पकालिक लाभ के लिये निर्धनों की क़ीमत पर  नहीं किया जाना चाहिये।"

विश्व के सबसे अधिक प्रजाति विविध पारिस्थितिकी प्रणालियों वाले देश होने के साथ-साथ भारी तौर पर तेल निष्कर्षण पर निर्भर, एक्वाडोर में, अपनी प्रेरितिक यात्रा के अन्तिम दिन, सन्त पापा फ्राँसिस की उक्त पुकार विशेषतः सुसंगत है। वे सचेत करते हैं कि "अल्पकालिक लाभ के लिये एक्वाडोर में विपुल रूप से पाये जानेवाले प्राकृतिक संसाधनों का दोहन विनाश के रास्ते पर ले जायेगा।"

ग़ौरतलब है कि एमाज़ोन क्षेत्र में उत्खनन एवं तेल निकालने को बढ़ावा देने के लिये, पर्यावरण विदों एवं जनजातियों एवं देशज लोगों के प्रतिनिधियों द्वारा, एक्वाडोर के राष्ट्रपति राफायल कोर्रेया की कटु आलोचना होती रही है। किन्तु, राष्ट्रपति का दावा है कि इन गतिविधियों द्वारा अपने आठ वर्षीय कार्यकाल में उन्होंने कम से कम 13 लाख लोगों को निर्धनता की रेखा से ऊपर उठाया है।

सन्त पापा फ्राँसिस पर्यावरण की दृष्टि से ज़िम्मेदार विकास का आह्वान करते हैं। मंगलवार को क्वीटो के परमधर्मपीठीय काथलिक विद्यालय में एकत्र 5000 से अधिक छात्रों एवं प्राध्यापकों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर ने मानव जाति को धरती का वरदान केवल उस पर खेती के लिये ही नहीं दिया बल्कि उसकी देख-रेख और सुरक्षा के लिये भी। काथलिक विश्वविद्यालय को सन्त पापा ने चुनौती दी कि वह छात्रों के लिये ऐसे प्रशिक्षण को सुनिश्चित्त करे जिसका लक्ष्य केवल लाभकारी जीविका कमाने तक ही सीमित न रहे बल्कि निर्धनों की सहायता एवं पर्यावरण की सुरक्षा तक विस्तृत रहे।  








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