क्वीटो, बुधवार, 8 जुलाई 2015 (वार सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने इक्वाडोर के परमधर्मपीठीय काथलिक विश्व विद्यालय में मंगलवार 6 जुलाई को सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से मुलाकात कर 60 वर्षों से देश की सेवा करती आ रही शिक्षा की प्रेरिताई में कलीसिया का सहयोग करने हेतु उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने लोगों को सम्बोधित कर कहा, ″हमारी शिक्षण संस्थाएँ प्रतिभाओं के विकास स्थल, सम्भवनाओं से पूर्ण तथा उपजाऊ भूमि के समान हैं जिसकी हमें देखभाल एवं रक्षा करनी चाहिए।″
संत पापा ने उपस्थित शिक्षकों से प्रश्न किया, ″क्या आप अपने विद्यार्थियों पर ध्यान देते हैं क्या उन्हें महत्वपूर्ण भावना में बढ़ने हेतु मदद करते हैं एक ऐसी भावना जो आज के संसार की देख- भाल करने के लिए उदार हो?
संत पापा ने उपस्थित छात्रों से भी कई प्रश्न किये जिसके उत्तर उन्होंने इक्वाडोर के वर्तमान एवं भविष्य में विकास पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ″क्या आप यह अनुभव करते हैं कि अध्ययन का यह समय न केवल आपका अधिकार है किन्तु एक विशेषाधिकार भी? आपके कितने मित्र इस विश्व विद्यालय में अपना स्थान पाना चाहते थे किन्तु कई कारणों से उन्हें यह अवसर नहीं मिला। हमारा अध्ययन कितना हद तक उनके साथ सहानुभूति रखने में मददगार है?
संत पापा ने उपस्थित सभी लोगों को सम्बोधित कर कहा, ″एक विश्वविद्यालय, एक शिक्षण संस्थान, एक शिक्षक एवं एक विद्यार्थी के रूप में इन सारे सवालों का उत्तर देने हेतु जीवन स्वयं चुनौती देता है। हमारे लिए इस दुनिया की आवश्यकता क्या है, हमारे भाई कहाँ हैं।″ संत पापा ने पवित्र आत्मा से प्रार्थना की कि वह हमें प्रेरित करे तथा हमारा साथ दे। उन्हें हमें निमंत्रण दिया है तथा एक अवसर एवं दायित्व प्रदान किया है कि हम अपने उत्तम का दान करें। वे वही आत्मा हैं जो सृष्टि के प्रारम्भ में जल पर विचरण करता था तथा जो परिवर्तन लाता एवं जीवन प्रदान करता है। यह वही आत्मा है जो पेंतेकोस्त के दिन प्रेरितों पर उतरा। पवित्र आत्मा हमें कभी नहीं छोड़ता, वह हमारे साथ एक हो जाता है जिसे कि हम जीवन के नवीन रास्ते पर आगे बढ़ें। पवित्र आत्मा हमारे रास्ते पर सदा हमारा मार्गदर्शक एवं सहयोगी बने।
All the contents on this site are copyrighted ©. |