2015-07-08 12:48:00

क्वीटो, एक्वाडोरः एक्वाडोर की यात्रा सम्पन्न, अगला पड़ाव बोलिविया


क्वीटो, बुधवार, 08 जुलाई 2015 (सेदोक): विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस एक्वाडोर, बोलिविया एवं पारागुए की आठ दिवसीय यात्रा का प्रथम चरण सम्पन्न कर बुधवार 08 जुलाई को एक्वाडोर से बोलिविया के लिये प्रस्थान कर रहे हैं।

स्मरण रहे कि इस समय सन्त पापा फ्राँसिस दक्षिण अमरीका में अपनी आठ दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर हैं। रविवार, 05 जुलाई को वे इस यात्रा के लिये रोम से रवाना हुए थे तथा 13 जुलाई को पुनः रोम लौटेंगे। 

मंगलवार, 07 जुलाई को सन्त पापा ने एक्वाडोर की राजधानी क्वीटो के बायसेन्टेनियल पार्क में   ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें लगभग दस लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए। इस समारोह के दौरान एक्वाडोर की आधिकारिक भाषा स्पानी के अतिरिक्त अधिकांश देशज लोगों की बोली क्वीखुआ में पाठ पढ़े गये तथा गीत गाये गये। सन्त पापा ने एक्वाडोर की जनजातियों एवं देशज लोगों के प्रति एकात्मता दर्शाते हुए इस अवसर पर पारम्परिक एक्वाडोरियाई परिधान भी धारण किये थे।

बायसेन्टेनियल पार्क में ख्रीस्तयाग से पूर्व सन्त पापा ने एक्वाडोर के काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात की। एक्वाडोर में इनकी संख्या 40 है।

क्वीटो का बायसेन्टेनियल पार्क पुराना हवाईअड्डा है जहाँ सन् 1985 ई. में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय का विमान उतरा था। इस पार्क में लगभग 15 लाख लोगों की व्यवस्था है। एक तरह से इस पार्क में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा ख्रीस्तयाग अर्पण तथा इतने अधिक लोगों को सम्बोधन भी अर्थगर्भित है इसलिये कि यह वही स्थल है जहाँ लगभग 200 वर्ष पूर्व सन् 1809 ई. में लातीनी अमरीका में स्पानी प्रशासन के विरुद्ध क्रान्ति तथा स्वतंत्रता की पहली पुकारें सुनाई दी थी। इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने अपने प्रवचन में कहा, "इतिहास गवाह है कि स्वतंत्रता हेतु उन पुकारों में विश्वास एवं शक्ति की कोई कमी नहीं थी किन्तु उनकी प्रगति तब ही सम्भव हुई जब व्यक्तिगत मतभेद दूर किये गये।"

काथलिकों को एकता के लिये आमंत्रित कर सन्त पापा ने कहाः "युद्ध, हिंसा एवं वैयक्तिकवाद द्वारा विभाजित विश्व में काथलिक धर्मानुयायियों को, अपने लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं  को एक साथ लाकर, "एकता के निर्माता" बनना चाहिये।"   

लातीनी अमरीका विश्व के 40 % काथलिक धर्मानुयायियों का घर है किन्तु हाल के दशकों में लोग रोज़गार एवं शिक्षा पर अधिक बल देने वाले प्रॉटेस्टेण्ट एवेन्जेलिकल प्रेरिताई एवं करिश्माई कार्यक्रमों के प्रति आकर्षित हुए हैं। नवीन ख्रीस्तीय धर्मपन्थों के कारण भी काथलिकों में कमी आई है। पियु अनुसन्धान केन्द्र के अनुसार सन् 1970 में एक्वाडोर के 95 % लोग काथलिक धर्मानुयायी थे जो अब केवल 79 प्रतिशत ही रह गये हैं। इस प्रवृत्ति को उलटने के लिये तथा काथलिक धर्मानुयायियों को उनके मूल तक वापस लाने के लिये सन्त पापा ने मिशनरी कलीसिया का आह्वान किया है जो समाज के निर्धन वर्ग के पक्ष में काम करे।

मंगलवार को बायसेन्टेनियल पार्क में सुसमाचार उदघोषणा की आवश्यकता पर बल देकर सन्त पापा ने कहा, "सुसमाचार प्रचार का उद्देश्य धर्मान्तरण नहीं है अपितु अपने विनम्र साक्ष्य द्वारा उन लोगों को आकर्षित करना है जो ईश्वर एवं कलीसिया से दूर चले गये हैं, जो भयभीत हैं तथा उदासीन हो गये हैं।"

मंगलवार को ख्रीस्तयाग समारोह में शरीक होने के लिये हज़ारों लोगों ने बायसेन्टेनियल पार्क में ही रात बिताई। काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस अपनी पापामोबिल पारदर्शी मोटर गाड़ी पर सवार हुए तथा तालियों की गड़गड़ाहट एवं जयनारों के बीच लगभग चार किलो मीटर तक पार्क में उपस्थित भक्तों को उन्होंने दर्शन दिये।             








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