2015-07-07 12:51:00

क्वीटोः एक्वाडोर के राष्ट्रपति से मुलाकात, क्वीटो के महागिरजाघर की भेंट


क्वीटो, मंगलवार, 07 जुलाई 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने सोमवार 06 जुलाई को ग्वायाकिल से लौटने के उपरान्त राजधानी क्वीटो में एक्वाडोर के राष्ट्रपति राफायल कोर्रेया से औपचारिक मुलाकात की।

दोनों नेताओं के बीच लगभग 30 मिनटों तक बातचीत हुई किन्तु गोपनीयता का सम्मान करते हुए इस मुलाकात का विवरण प्रकाशित नहीं किया गया है।  

वाटिकन प्रेस के निर्देशक एवं प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने सोमवार के दिन का ब्यौरा देते हुए पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति से बातचीत के अलावा सन्त पापा ने राष्ट्रपति महोदय की धर्मपत्नी एवं उनके परिजनों तथा राष्ट्रपति भवन में सेवारत अधिकारियों से भी मुलाकात की तथा  उनके साथ तस्वीरें खिंचावाई। तदोपरान्त, उपहारों के आदान प्रदान के साथ यह समारेह सम्पन्न हुआ। फादर लोमबारदी ने कहा कि हालांकि उपहार साधारण थे तथापि अर्थपूर्ण थे। सन्त पापा ने राष्ट्रपति को माँ मरियम की एक मोजक प्रतिमा तथा अपने दो विश्व पत्रः "एवेनजेली गाऊदियुम" तथा "लाओदातो सी" की प्रतियाँ भेंट स्वरूप अर्पित कीं। अपनी ओर से राष्ट्रपति कोर्रेया सन्त पापा को क्वीटो के महागिरजाघर के प्रवेश द्वार का रंगचित्र अर्पित किया।

फादर लोमबारदी ने बताया की राष्ट्रपतिभवन में सन्त पापा से मुलाकात के बाद एक्वाडोर के राज्य मंत्री ने वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन से भी बातचीत की जिसमें विगत दस वर्षों के दौरान एक्वाडोर में हुई प्रगति पर ध्यान केन्द्रित किया गया।   

क्वीटो के राष्ट्रपति भवन में सम्पन्न समारोह के बाद सन्त पापा फ्राँसिस ने भवन से बाहर ग्रान्दे प्लाज़ा में उपस्थित सैकड़ों प्रशंसकों को दर्शन दिये। फिर यहाँ से कुछ ही दूर स्थित क्वीटो के महागिरजाघर का रुख किया।  

फादर लोमबारदी ने बताया कि महागिरजाघर में कुछ विकलांग बच्चों एवं रोगियों को सन्त पापा ने आशीर्वाद दिया। तदोपरान्त महागिरजाघर में पवित्रतम के आगे घुटने टेककर उन्होंने मौन प्रार्थना की। यहाँ सन्त पापा ने एक्वाडोर में प्रचलित मरियम भक्ति की सराहना की तथा इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि कठिन घड़ियों में माँ मरियम से प्रार्थना करना आशा और विश्वास को जगाता तथा समस्याओं को पार करने का सम्बल प्रदान करता है। उन्होंने सभी से एकता में जीवन यापन का अनुरोध किया तथा यह सुनिश्चित्त करने का परामर्श दिया कि समाज का कोई भी व्यक्ति बाहर निकाल फेंकने योग्य न समझा जाये।  उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ प्रणाम मरियम प्रार्थना के पाठ से महागिरजाघर  की भेंट सम्पन्न हुई।

एक्वाडोर में सन्त पापा फ्राँसिस ने सुसमाचार की उदघोषणा की जिसके साथ एकता एवं एकात्मता की ज़ोरदार अपील भी जुड़ी हुई थी।     

   








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