2015-07-04 10:55:00

दक्षिण अमरीका में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा विषयक पाँच तथ्य


लातीनी अमरीका 42 करोड़ 50 लाख अर्थात् विश्व के लगभग 40 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायियों का घर है। इसके अलावा, अधिकांश दक्षिणी अमरीकी देशों में कम से कम दस वयस्कों में से सात वयस्क स्वतः को काथलिक घोषित करते हैं..... 

वाटिकन सिटी, शनिवार, 4 जुलाई 2015 (वाटिकन.वा): सन्त पापा फ्राँसिस रविवार को एक्वाडोर, बोलिविया और पारागुए की प्रेरितिक यात्रा के लिये रोम से रवाना हो रहे हैं।

दक्षिण अमरीका के लोगों के लिये यह यात्रा खास मायने रखती है क्योंकि होर्हे मारियो बेरगोलियो अर्थात् सन्त पापा फ्राँसिस आर्जेन्टीना के मूल निवासी है तथा सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के इतिहास में पहले लातीनी अमरीकी परमाध्यक्ष हैं। बेनेडिक्ट 16 वें के पदत्याग के उपरान्त सन् 2013 में काथलिक कलीसिया का नेतृत्व करने के लिये नियुक्त, सन्त पापा फ्राँसिस की, स्पानी भाषा-भाषी दक्षिण अमरीका में यह प्रथम आधिकारिक यात्रा होगी।

सन्त पापा फ्राँसिस की एक्वाडोर, बोलिविया और पारागुए की प्रेरितिक यात्रा के पूर्व इन पाँच तथ्यों पर ध्यान देना हितकर होगाः

प्रथमः लातीनी अमरीका 42 करोड़ 50 लाख अर्थात् विश्व के लगभग 40 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायियों का घर है। इसके अलावा, अधिकांश दक्षिणी अमरीकी देशों में कम से कम दस वयस्कों में से सात वयस्क स्वतः को काथलिक घोषित करते हैं। सच तो यह है कि केवल एक स्पानी भाषी दक्षिणी अमरीकी देश ऊरुगुए में काथलिकों की संख्या वयस्क जनसंख्या का केवल 42 प्रतिशत है।

द्वितीयः दक्षिण अमरीका के लोगों ने, नवीन विश्व से चुने गये काथलिक कलीसिया के प्रथम परमाध्यक्ष, सन्त पापा फ्राँसिस का व्यापक स्तर पर स्वागत किया है। पियु अनुसन्धान केन्द्र द्वारा किये सर्वे के अनुसार दक्षिण अमरीका के सभी देशों के लगभग दो तिहाई तथा आर्जेन्टीना के 91% लोगों ने सन्त पापा फ्राँसिस के पक्ष में अनुकूल विचार प्रकट किये हैं। इसके अतिरिक्त, दक्षिण अमरीकी देशों के अधिकांश काथलिक धर्मानुयायियों का मानना है कि सन्त पापा फ्राँसिस काथलिक कलीसिया में परिवर्तन की महाशक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

तृतीयः सन्त पापा फ्राँसिस के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाने वालों के विपरीत जिन लोगों ने काथलिक कलीसिया का परित्याग कर दिया है वे उनके प्रति उदासीन हैं, उदाहरणार्थ, बोलिविया के पूर्व काथलिकों में केवल 28% तथा वेनेज़ूएला के पूर्व काथलिकों में केवल 32% ही सन्त पापा फ्राँसिस के विचारों का समर्थन करते हैं (प्यूफोरम.ऑर्ग )।  

चतुर्थः दक्षिण अमरीका में अपनी सात दिवसीय यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस अवश्य ही सामाजिक असमानता पर अपने विचार प्रकट करेंगे। इस दृष्टि से हाल ही में पियु अनुसन्धान केन्द्र द्वारा किये सर्वे के अनुसार जिन तीन लातीनी अमरीका के देशों की सन्त पापा यात्रा कर रहे हैं वहाँ के कुछ निवासी ही सन्त पापा की इस चिन्ता में सहभागी हैं। उदाहरणार्थ, पारागुए की तीन- चौथाई जनता मानती है कि धनी एवं निर्धन वर्ग के बीच बनी खाई वहाँ की मुख्य समस्या है जबकि बोलिविया और एक्वाडोर के 45% लोग ही इसे मुख्य समस्या मानते हैं। इसके अलावा,  अधिकांश दक्षिणी अमरीकी देशों में लोगों का यह ख्याल है कि मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था के तहत लोगों का जीवन बेहतर होता है।

पंचमः एक्वाडोर, बोलिविया एवं पारागुए की सात दिवसीय यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस अपनी मातृभूमि आर्जेन्टीना नहीं जायेंगे। रिपोर्टों के अनुसार, आर्जेन्टीना में राष्ट्रपति चुनाव होनेवाले हैं तथा सन्त पापा नहीं चाहते हैं कि देश में उनकी उपस्थिति का राजनीतिकरण किया जाये। रविवार, 5 जुलाई को शुरु होनेवाली सन्त पापा फ्राँसिस की सात दिवसीय दक्षिण अमरीकी यात्रा इटली से बाहर उनकी 9 वीं विदेश यात्रा है। उनसे पूर्व सन् 1980 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने एक्वाडोर, बोलिविया और पारागुए की यात्राएँ की थी।      








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