2015-07-03 16:36:00

कार्डिनल परोलिन ने ‘लाओदातो सी’ के महत्व पर प्रकाश डाला


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 3 जुलाई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक पत्र ‘लाओदातो सी’ के कलीसिया एवं विश्व में महत्व पर प्रकाश डाला।

न्याय एवं शांति के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कार्डिनल पियेत्रो परोलिन ने उन तीन क्षेत्रों पर ध्यान आकर्षित कराया जो ″विश्व पत्र समझने में मदद करता है वे क्षेत्र हैं अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय तथा काथलिक कलीसिया का क्षेत्र।

अपने वक्तव्य में उन्होंने दो महत्वपूर्ण बातों को आवश्यक बतलाया, ″हमारे कदमों को दिशा-निर्देश तथा देखभाल की संस्कृति को प्रोत्साहन।

उन्होंने कहा, ″देखभाल की संस्कृति हमें रक्षा करने के दायित्व की याद दिलाती है।″ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र, हमें बृहद स्तर पर पर्यावरण की सभी वस्तुओं का एक-दूसरे से जुड़े होने का ज्ञान देता है जिससे हम जानते हैं कि पृथ्वी एवं पर्यावरण एक साझा विरासत है जिसके फलों से सभी को लाभ होना चाहिए तथा चूँकि यह साझा विरासत है, सभी लोगों का दायित्व भी है उसकी देखभाल करना।

विश्व पत्र को समझने के लिए मात्र अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है किन्तु राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। लाओदातो सी प्रस्तुत करता है कि हम इस क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकते हैं उदाहरण के लिए उपभोग के तरीक़ों में सुधार, नष्ट करने की प्रवृति में नियंत्रण का विकास, रीसाइक्लिंग, कृषि उत्पादन को बढ़ावा, स्थानीय एवं राष्टीय बाज़ारों में व्यवस्था, सिंचाई की सुविधा तथा कृषि के अन्य तकनीकों का विकास आदि।

कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने विश्व पत्र को समझने के तीसरे बिन्दु काथलिक कलीसिया पर अपना विचार देते हुए कहा कि विश्व पत्र असीसी के संत फ्राँसिस के उदाहरणों से पोषित है। यह पत्र हमें दिखाता है कि सृष्टि, ग़रीबों के प्रति न्याय, समाज के प्रति समर्पण तथा आंतरिक शांति के बीच अटूट संबंध है। संत पापा ने कहा है कि कलीसिया वैज्ञानिक अथवा राजनीतिक सवालों का हल करने के लिए नहीं है किन्तु मानवीय क्रिया-कलापों के अर्थ एवं उद्देश्य के सवालों के वाहक के समान है।








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