2015-06-26 15:44:00

‘गाइडों’ को संत पापा का मार्गदर्शन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 26 जून, 2015 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने अन्तरराष्ट्रीय काथलिक गाइड संस्था की स्थापना की पचासवीं वर्षगाँठ के अवसर पर इसके प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि गाइड एक ऐसी संस्था है जो शिक्षा आन्दोलनों में एक विशेष स्थान रखती है  और इसकी नींव अध्यापन संबंधी परंपराओ में खरी उतरती है।

संत पापा ने कहा, "शिक्षा एक ऐसा साधन है जो बालिकाओं को उत्तरदायी और सक्रिय बनाता है। यह उन्हें येसु के विश्वास में ही सुन्दर और प्रसन्न बनाता है। जो येसु से मिलते हैं वही स्वतंत्र होते है क्योंकि वह हमें नया बनाता और दूसरों से वार्ता के लिये तैयार करता है। वह हम प्रोत्साहित करता है ताकि हम गरीबों - विशेष करके भटके, अकेले या परिष्कृतों के करीब जा सकें।  

संत पापा ने कहा, "स्वर्ण जुबिली समारोह की जो विषयवस्तु है वह बहुत महत्वपूर्ण है जिसमें कहा गया है – ‘सुसमाचार के आनन्द में गाइड का जीवन जीना’।

 उन्होंने कहा, " क काथलिक नेता के रूप में आप येसु के समसाचार का प्रचार करें जो दुनिया को आनन्द और प्रकाश देता है। रोम में आप कई विभिन्न गाइडों से मिल रहे हैं यह मुलाक़ात आपको एक-दूसरे से वार्ता का अवसर दे और आपकी काथलिक पहचान  विश्वास को मजबूत करे।"

संत पापा ने कहा कि हाल के दस्तावेज़ " लौदातो सी " में मैंने पर्यावरण पर लिखते हुए शिक्षा के महत्व पर बल दिया है क्योंकि शिक्षा ही मानसिकता और आदतों को बदलती है ताकि व्यक्ति पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना कर सके।  

संत पापा ने कहा कि उनकी आशा है कि ‘गाइडस’ इस क्षेत्र में लगातार अपना योगदान देंगे और ईश्वर की महिमा करने में लोगों की मदद करेंगे। ऐसा करने से व्यक्ति ईश्वर और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जी सकेगा।

उन्होंने कहा कि उनकी आशा है कि नारी को समाज और कलीसिया में उचित स्थान प्राप्त हो । आज यह आवश्यक है कि लड़कियों को शिक्षा दी जाये सिर्फ़ इसलिये नहीं की नारी नारी रूप में वे अपनी बुलाहट को पहचाने पर कलीसिया और समाज में अपना उत्तरदायित्व सँभाले और नारी शिक्षा में अपनी विशिष्ट भूमिका निभायें।

 

 

 

 








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