2015-06-22 14:37:00

वालदेसयाई कलीसिया को संत पापा का संदेश


ट्यूरिन, इटली सोमवार 22 जून, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने उत्तरी इटली के ट्यूरिन की दो दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन सोमवार 22 जून को वालदेसे के  चर्च दौरा किया और कलीसिया के सदस्यों को संदेश दिया।

संत पापा ने कहा, " हाल के दिनों में अन्तरकलीसियाई वार्ता के कई अच्छे परिणाम आये हैं। सबसे अच्छी बात तो है कि हमने भ्रातृत्व की भावना बढ़ी है जो उन लोगों को एक साथ जोड़ती है जो येसु मसीह में विश्वास करते हैं और उनके नाम का बपतिस्मा ग्रहण कर चुके हैं।"

उन्होंने कहा, " वार्ता हमें इस बात को समझने में मदद करती है कि विभिन्नताओं के बावजूद हमारी एकता बहुत मजबूत है। हमारी पूर्ण एकता की प्रक्रिया जारी है जो प्रार्थना से, व्यक्तिगत और सामुहिक मनपरिवर्त,  ईशशास्त्रियों की मदद तथा पवित्र आत्मा की सहायता से हम प्रेम और सत्य से पूर्ण दृश्य एकता  भी प्राप्त कर सकते हँ।

संत पापा ने कहा, " पवित्र आत्मा का फल है - एकता जिसका अर्थ एकरूपता नहीं है। हम एक हैं क्योंकि हमारी शुरुआत एक है पर हम एकरूप नहीं है। दुर्भाग्य से इतिहास ने इस विभिन्नता को नहीं पहचाना, न इसे स्वीकार किया और इसीलिये हमने एक ही विश्वास के नाम पर हिंसा और झगड़ा का रास्ता अपनाया। "  

संत पापा ने कहा, " इतिहास की घटनाओं की याद हमें पीड़ा ही प्रदान कर सकती है। हम सब पापी है पर हम यह भी जानते हैं कि हम किस तरह से क्षमा दे सकते हैं।"

उन्होंने कहा, " वाल्डेसियाई और काथलिक कलीसिया का संबंध आपसी सम्मान और भ्रातृप्रेम का है। विभिन्नता सुसमाचार के प्रचार के कार्यों के लिये बाधा नहीं, न ही यह गरीबों, बीमारों और प्रवासियों की सेवा करने में बाधक है।  अगर हम साथ चलें तो ईश्वर हमें मदद करेगा ताकि हम उस एकता में जी सकें जो किसी भी संघर्ष के बाद आती है।"     

 








All the contents on this site are copyrighted ©.