2015-06-22 14:46:00

पीड़ित और बुजूर्ग कलीसिया के मूल्यवान सदस्य


ट्यूरिन, इटली, सोमवार, 22 जून, 2015 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने इटली के ट्यूरिन की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान रविवार 21 जून को विकलांगों के लिये बने ‘कोत्तोलेन्गो’ नामक आवास में बुजूर्गों, बीमारों और अपंगों से मुलाक़ात की।

संत पापा ने उन्हें संबोधित करते हुए फिर से ‘निक्षेप’ या फेंकने की संस्कृति पर अपने विचार दिये। निक्षेप संस्कृति के शिकारों  की याद करते हुए संत पापा ने बुजूर्गों की स्थिति पर लोगों का ध्यान खींचा।

संत पापा ने कहा, " बुजूर्ग समाज की याद और प्रज्ञा दोनों हैं। उनकी लम्बी आयु हरदम ईश्वर का वरदान सिद्ध नहीं होती है। कई बार में यह एक बोझ बन जाती है विशेषकर जब वे किसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं।"

उन्होंने कहा, " ऐसे समय में हमें चाहिये कि हम उस मनोभाव के विपरीत कदम उठायें। पीड़ित और बुजूर्ग कलीसिया के मूल्यवान सदस्य है। वे क्रूसित येसु के पवित्र शरीर है जिन्हें हमें छूने और सस्नेह सेवा करने का गौरव प्राप्त है।"  

 

संत पापा ने कहा, " ग़रीबों को अलग कर देने से  उन्हें जिन कठिनाइयों का सामना पड़ता है, उन्हें जिन आवश्यक मदद पाने में जो परेशानी होती है वह आज भी वैसा ही है जैसा पहले था। स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया ने प्रगति कर ली है फिर भी निक्षेप संस्कृति और मानवशास्त्रीय संकट के फलस्वरूप उपभोग तथा आर्थिक लाभ पाने के लिये, मानव से अधिक महत्व दिया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, " ज ज़रूरत है उस तरह के प्रेम और सेवा की जैसे कि कोत्तोलेंगो आश्रय में बुजूर्गों को दिया जाता है। व्यक्ति यहाँ जीवन और मानव को नयी दृष्टि से देखना सीखता है। यह एक ऐसा आवास है जहाँ गरीब और पीड़ितों के लिये आश्रय है उनके लिये एक परिवार है जहाँ वे अलग नहीं किये जाते पर उन्हें सहारा दिया जाता है।"     

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 








All the contents on this site are copyrighted ©.