2015-06-19 16:38:00

परहित में धन का उपयोग करनेवाले को ईश्वर की आशिष


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 19 जून, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 19 जून को वाटिकन सिटी में अवस्थित सान्ता मार्था अतिथि निवास में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए धन संचय करनेवालों को युद्ध, टूटते घर और मानव मर्यादा का ह्रास करने के लिये ज़िम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, " सम्पन्न लोगों के पास जो धन है उसका उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाना चाहिये। धन-दौलत की एक कमजोरी या झुकाव है कि यह बढ़ना चाहता, जीवन में अपना स्थान बड़ा करता और मानव ह्रदय पर कब्ज़ा कर लेता है। और इस तरह से मनुष्य का ह्रदय भ्रष्ट हो जाता है।"  

उन्होंने कहा, " धनी व्यक्ति का धन तब ही ह्रदय को बचाता है जब इसका उपयोग परहित में किया जाये।"

विदित हो कि शुक्रवार के सुसमाचार पाठ में येसु धन के बारे में शिक्षा देते हैं । येसु  कहते हैं, " मनुष्य का ह्रदय वहीं होगा जहाँ उसका खज़ाना है। इसीलिये येसु कहते हैं कि अपना खज़ाना इस दुनिया में मत बनाओ जहाँ ये नष्ट हो जायेगा पर स्वर्ग में बनाओ जो सुरक्षित रहेगा।"

संत पापा ने कहा, " संचय करने की प्रवृत्ति की जड़ है सुरक्षा प्राप्त करने की चाह। पर जब व्यक्ति सिर्फ़ अपनी सुरक्षा की बात सोचता है तो वह और ही असुरक्षित हो जाता है। केवल अपनी सुरक्षा की बात सोचनेवाला व्यक्ति मानव मर्यादा को कमजोर कर देता है, उसका परिवार टूट जाता है। युद्ध की जड़ भी दौलत की आकांक्षा ही है जो विनाश कराता और व्यक्ति को भ्रष्ट करता है।"   

संत पापा ने कहा, " केवल एक बात सत्य है। ईश्वर उस धनी व्यक्ति को आशिष देता है जो धन दूसरों के हित में लगाता है। वह व्यक्ति अपने धन का उपयोग परहित के लिये करता है। यह काम आसान नहीं है क्योंकि हर दम इस बात का प्रलोभन रहता है कि उसे कुछ और धन प्राप्त हो।"  

उन्होंने कहा, " आज हमें इस बात की चिन्ता करनी चाहिये कि जो कुछ मेरा है वह दूसरों के लिये है। मैं अपने साथ कुछ भी लेकर नहीं जाऊँगा पर यदि मैं अपने सम्पति का उपयोग दूसरों के लिये करुँगा तो निश्चय ही ईश्वर मुझे आशीर्वाद देंगे। वे मुझे पवित्र करेंगे।"  

 

 

 

 








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